शालिग्राम की पूजा के समय इस मंत्र का करना चाहिए जाप, जानिए शालिग्राम की पूजा के खास नियम

देवी देवताओं की तरह शालिग्राम की पूजा के भी कुछ खास नियम और मंत्र हैं. चलिए जानते हैं कि शालिग्राम की पूजा करते समय किस मंत्र का जाप करना चाहिए.

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सनातन धर्म में शालिग्राम विग्रह (shaligram) को भगवान विष्णु (lord Vishnu) का रूप कहा गया है. 33 में से 24 दिव्य शालिग्राम भगवान विष्णु के 24 अवतारों का प्रतीक माने गए हैं. मान्यता है कि जिस घर में शालिग्राम की पूजा होती है वहां रहने वालों के सभी संकट दूर होते हैं और घर में खुशहाली और सुख समृद्धि बनी रहती है. शालिग्राम की पूजा (shaligram puja )जिस घर में होती है, उस घर को शास्त्रों में तीर्थ का दर्जा दिया जाता है. देवी देवताओं की तरह शालिग्राम की पूजा के भी कुछ खास नियम और मंत्र हैं. चलिए जानते हैं कि शालिग्राम की पूजा करते समय किस मंत्र का जाप करना चाहिए.

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शालिग्राम की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करें 


देवी देवताओं की पूजा करते समय उनके आह्वान हेतू मंत्र का जाप किया जाता है. ठीक इसी प्रकार शालिग्राम की पूजा के समय भी खास मंत्र का जाप करना फलदायक होता है. शालिग्राम की पूजा करने के लिए सुबह स्नान आदि के बाद भगवान शालिग्राम को स्नान करवाना चाहिए. इसके बाद शालिग्राम को चंदन का तिलक लगाएं. भगवान शालिग्राम को फूल अर्पित करें और माला पहनाएं. इसके बाद उनको भोग लगाएं और इसके पश्चात देसी घी के दीपक को जलाकर आरती करें. इसके पश्चात शालिग्राम के समक्ष हाथ जोड़कर सच्चे मन से इस मंत्र का जाप करें - ओम नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥. अगर किसी कारण आप मंत्र नहीं पढ़ पा रहे हैं तो आप नौ बार हरे कृष्णा का जाप भी कर सकते हैं.

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शालिग्राम की पूजा के खास नियम   


मंत्र का जाप करने के पश्चात भगवान विष्णु की आरती करें और घर के अन्य लोगों में भोग का प्रसाद बांट दें. आपको याद रखना चाहिए कि घर में शालिग्राम रखने के कुछ खास नियम हैं. अगर आपके घर में शालिग्राम की पूजा होती है तो इस बात का खास ख्याल रखें कि घर में केवल एक ही शालिग्राम होना चाहिए. अगर घर में एक से ज्यादा शालिग्राम हैं तो आपके घर में वास्तुदोष की संभावना बढ़ सकती है. जिन घरों में शालिग्राम की पूजा होती है, वहां मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. शालिग्राम को मंदिर में या फिर तुलसी के पौधे के पास रखना चाहिए. इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर जातक को आशीर्वाद देते हैं. नियमित तौर पर शालिग्राम की पूजा करने के बाद उस पर तुलसी का पत्ता जरूर अर्पित करना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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