Grahan Dosh 2024: ज्योतिष शास्त्र में एक निश्चित समय के बाद ग्रहों का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर होता है. ये गोचर कभी शुभ तो कभी अशुभ होता है. इसका जातकों की राशि पर और देश दुनिया पर विभिन्न तरह का प्रभाव देखने को मिलता है. इसी तरह से आज यानी कि 25 जुलाई को मीन राशि में राहु (Rahu graha) और चंद्रमा (chandrama) की युक्ति बनने जा रही है, जिससे ग्रहण योग का निर्माण होने वाला है. ये अशुभ ग्रहण योग 18 साल बाद बन रहा है, ऐसे में तीन राशि (zodiac sign) के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इससे न सिर्फ धन हानि होगी बल्कि सेहत के खराब होने के भी योग बन रहे हैं.
मेष राशि
मीन राशि में चंद्रमा और राहु की युक्ति से जो अशुभ ग्रहण योग का निर्माण होने जा रहा है वह मेष राशि के जातकों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है, क्योंकि इस राशि में 12वें स्थान पर राहु ग्रह स्थित है और चंद्रमा साथ में विराजमान है, इसलिए इस समय सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है. अगर आप कोई यात्रा कर रहे हैं या बिजनेस डील फाइनल करने वाले हैं, तो इसे कुछ समय के लिए स्थगित कर दें. अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और किसी भी बात को लेकर तनाव न लें. ज्योतिषियों का मानना है कि इस अशुभ योग से बचने के लिए भगवान शिव की आराधना करें और रुद्राभिषेक करें.
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए भी राहु और चंद्रमा की युक्ति हानिकारक साबित हो सकती है. दरअसल, ये युक्ति आपकी राशि में अष्टम भाव पर है, इसलिए आपको मानसिक तनाव हो सकता है. इस दौरान आपको अपनी हेल्थ का ध्यान रखने की जरूरत है, गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी बरतें, फिजूलखर्ची से बचें, घर में किसी भी सदस्य से विवाद ना करें और कोई भी नया काम शुरू न करें. इस स्थिति से बचने के लिए भगवान शिव की पूजा करने के दौरान उन्हें लौंग अवश्य चढ़ाएं और ओम नमः शिवाय का जाप करें.
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए भी चंद्रमा और राहु की युक्ति कुछ समस्या लेकर आ सकती है. दरअसल, यह गोचर आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव में बनने जा रहा है. इससे घर और परिवार में लड़ाई की स्थिति बन सकती है, अपनी मां के साथ किसी बात को लेकर तनाव हो सकता है. इस दौरान किसी भी बिजनेस या नए इन्वेस्टमेंट में पैसा ना डालें. जो लोग नौकरी कर रहे हैं वह अपने ऑफिस में लापरवाही ना करें, खान-पान का विशेष ध्यान रखें, किसी से उधार ना लें और ना दें. इस समस्या से बचने के लिए हल्दी या केसर का तिलक लगाएं और शिवलिंग पर पंचामृत और बेलपत्र चढ़ाएं.