चैत्र नवरात्र पर है खरमास का साया, जानिए सही समय पर कलश स्थापना का महत्व

Chaitra Navratri 2025 : होली के दिन यानी 14 मार्च से खरमास शुरू हो चुका है और यह 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला है.

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कलश के मुंह पर पांच आम के पत्ते रखें और नारियल में कलावा बांधकर रखें.

Chaitra Navratri-2025: . नवरात्र के नौ दिन बहुत खास होते हैं और मान्यता है कि इस समय श्रद्धा और भक्ति से मां की अराधना करने वालों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. वर्ष 2025 में चैत्र नवरात्र 30 मार्च रविवार (Kab Se Hai Chaitra Navratri-2025) से शुरू होकर 6 अप्रैल तक है. हालांकि इस बार चैत्र नवरात्र पर खरमास का साया रहने वाला है. ऐसे में  में कलश स्थापना (Chaitra Navratri Me Kalash Sthapna) सही समय पर करना जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना का समय (Chaitra Navratri Me Kalash Sthapna Ka Samay )……..

कब से कब तक खरमास -Time of Kharmas

होली के दिन यानी 14 मार्च से खरमास शुरू हो चुका है और यह 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला है. इस दौरान हर तरह के शुभ कार्य निषेध हैं. 30 मार्च से 6 अप्रैल नवरात्र के दिनों में देवी की पूजा की जा सकती है और इसके साथ ही पूजा पाठ, जप तप पर रोक नहीं रहेगी. 

चैत्र नवरात्र की तिथि - Date of Chaitra Navratri 2025

29 मार्च शनिवार को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और  30 मार्च रविवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च रविवार से होगी.

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चैत्र नवरात्र में घट स्थापना का शुभ मुहूर्त - Shubh Muhurat of kalash sthapna

नवरात्र के पहले दिन देवी की पूजा की शुरुआत कलश स्थापना से की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्र 30 मार्च रविवार से शुरू हो रहा है और इसी दिन कलश स्थापना की जाएगी. इस दिन कलश स्थापना के दो मुहूर्त हैं.

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प्रातः काल कलश स्थापना का मुहूर्त  

30 मार्च को प्रातः काल 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक कलश स्थापना की जा सकती है.

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दोपहर में कलश स्थापना का मुहूर्त  

30 मार्च दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट के बीच अभिजीत मुहूर्त में  घटस्थापना की जा सकती है. 

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कलश स्थापना के दौरान करें इन मंत्रों का जाप - Mantra of Kalash Sthapna

ॐ ह्रींग डुंग दुर्गायै नमः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

मां दुर्गा का आह्वान मंत्र -

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

कलश स्थापना की पूजन सामग्री - Kalash Sthapna Puja Samagri List

कलश स्थापना के लिए विशेष पूजन सामग्री की जरूरत होती है. इसके लिए कलश, मौली, आम के पत्ते, रोली, गंगाजल, सिक्का, गेंहू या अक्षत, मिट्‌टी के पात्र, शुद्ध मिट्‌टी, जौ, वस्त्र,कलावा, दिया, बत्ती और सिंदूर चाहिए होता है.

 कलश स्थापना की विधि - Vidhi of  Kalash Sthapna

  • कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थान को साफ करें
  • ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें.
  • सबसे पहले कलश में पानी भरें.
  • कलश में सिक्का, सुपारी, गंगाजल, शहद, आम के पत्ते रखें.
  • कलश के ऊपरी भाग में रोली लगाएं
  • कलश के मुंह पर पांच आम के पत्ते रखें और नारियल में कलावा बांधकर रखें
  • कलश को मिट्‌टी के पात्र में अक्षत के ऊपर स्थापित करें.
  • घी का दिया जलाकर कलश की पूजा करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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