Chaitra Navratri: हिन्दू धर्म में नवरात्रि की विशेष मान्यता है. कहा जाता है कि ये ऐसा समय है जिसमें यदि मां दुर्गा को पूरे मन से प्रसन्न करने का प्रयास किया जाए तो वे खुश हो जाती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. वहीं, नवरात्रि (Navratri) के हर दिन का एक विशेष महत्व है और उसी तरह इन दिनों में फूल चढ़ाने की अपनी ही अलग विशेषता है. जहां एक तरफ कुछ फूलों (Flowers) से परहेज किया जाता है तो कुछ फूल ऐसे हैं जो पूजा में चढ़ाने पर घर में खुशहाली लाने वाले बताए जाते हैं.
नवरात्रि में माता को प्रसन्न करने वाले फूल
कहा जाता है यदि नवरात्रि पर माता की इच्छानुसार उन्हें प्रिय फूल पूजा में अर्पित किए जाएं तो वे प्रसन्न हो जाती हैं. पूजा में इन फूलों को रखना विशेष महत्व रखता है.
मां लक्ष्मी, दुर्गा मां (Durga Maa) और भगवान नारायण के हाथों में कमल का फूल देखने को मिलता है. ये फूल माता के अति प्रिय माने जाते हैं.
कहते हैं कि नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है और उन्हें लाल और पीले रंग के फूल अच्छे लगते हैं. स्कंदमाता के पसंदीदा होने के चलते नवरात्रि पर मंदिर में गुलाब के फूल चढ़ाए जाते हैं.
पीले और संतरी रंग के गेंदे के फूल मंदिर सजाने के लिए हमेशा से इस्तेमाल में लाए जाते रहे हैं. इन फूलों को स्वास्थ्य, धन और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.
मां दुर्गा के रूप महागौरी के मोगरे के फूल प्रिय माने जाते हैं. कहते हैं नवरात्रि में मोगरे के फूलों के इस्तेमाल से घर का माहौल सकारात्मक बना रहता है और पूरे परिवार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
नवरात्रि पर चंपा के फूल को बुद्धि, शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है. चंपा के फूल खासकर मां सिद्धिदातरी को प्रसन्न करने के लिए उनपर अर्पित किए जाते हैं.
अपराजिता के फूलहिन्दी धर्म में अपराजिता के फूलों का विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि गुरु शुक्राचार्य धरती पर अपराजिता के फूल लाए थे. इन फूलों को मां दुर्गा की पूजा में चढ़ाया जाना बेहद शुभ कहते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)