Brahma Muhurta Mantra : हिन्दू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा समय माना जाता है. इस मुहूर्त में किया गया कार्य सफल होता है, ऐसी मानयता है. इसको परमात्मा का समय कहा जाता है. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे से लेकर 5:30 तक होता है, जो लोग इस मुहूर्त में उठते हैं उनपर सदैव देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. इस मुहूर्त में उठकर योग और पूजा पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है. ऐसे में आजआपको यहां पर 2 मंत्र बताते हैं, जिसे आप ब्रह्म मुहूर्त में जपते हैं, तो फिर आपको इसके शुभ फल प्राप्त होंगे. इन मंत्रों का जाप करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद सदैव आप पर बना रहेगा. यहां जानिए श्रीफल चढ़ाने और फोड़ने को लेकर क्या कहते हैं नियम
ब्रह्म मुहूर्त मंत्र पहला
इस मंत्र का जाप आप अपनी हथेलियों को देखते हुए करें.
कराग्रे वसति लक्ष्मीः,कर मध्ये सरस्वती।
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।
अर्थ- इस मंत्र का अर्थ है कि हथेलियों में मां लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु का निवास है और मैं उनके दर्शन कर रहा हूं.
दूसरा ब्रह्म मुहूर्त मंत्र
इस मंत्र का जाप करने के लिए आप सबसे पहले सुखासन मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करके इस मंत्र का जाप करें.
ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु॥
अर्थ- ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव , सूर्य, चंद्रमा, भूमि सुत यानी मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु सभी ग्रहों को शांत रखें. इस मंत्र का जाप करने से सभी ग्रह आपके अनुकूल रहेंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)