Bhaum Pradosh Vrat 2025 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में भगवान शिव के भक्त उन्हें शंकर, भोलेनाथ और औढरदानी कहकर बुलाते हैं क्योंकि वे अपने भक्तों की पूजा से शीघ्र ही प्रसन्न होकर उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं. शिव की कृपा पाने के लिए सोमवार और प्रदोष का व्रत अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है. पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत हर मास के कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि (तेरहवीं तिथि) पर रखा जाता है. देवों के देव महादेव के इस व्रत का नाम प्रदोष इसलिए है क्योंकि इसी दिन भगवान शिव की पूजा अत्यंत ही शुभ माने जाने वाले 'प्रदोष काल' (सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट पहले से लेकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक) में होती है.
भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आज मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि 02 दिसंबर 2025, मंगलवार के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाने वाला प्रदोष काल शाम को 05:24 बजे से लेकर रात्रि 08:07 बजे तक रहेगा. ऐसे में शिव भक्तों को भौम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए लगभग पौने तीन घंटे का समय उपलब्ध रहेगा.
भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
हिंदू मान्यता के अनुसार भौम प्रदोष व्रत वाले दिन साधक को संध्या के समय स्नान-ध्यान करने के बाद पवित्र मन से प्रदोष काल में शिव का पूजन करना चाहिए. शिव पूजा करते समय साधक को महादेव को पुष्प, रोली, अक्षत, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, धूप–दीप, मिष्ठान, फल और विशेष रूप से गंगाजल अर्पित करना चाहिए. साधक को भौम प्रदोष व्रत वाले दिन प्रदोष व्रत की कथा को कहने या सुनने के बाद रुद्राक्ष की माला से ‘ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप अधिक से अधिक करना चाहिए. शिव की पूजा उनकी आरती के बगैर अधूरी मानी जाती है, इसलिए अंत में श्रद्धापूर्वक शुद्ध घी का दीया जलाकर आरती करें तथा सभी को प्रसाद बांटने के बाद स्वयं भी ग्रहण करें.
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प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव की कृपा बरसाने वाले प्रदोष व्रत को सबसे पहले चंद्र देवता ने किया था. मान्यात है कि प्रदोष व्रत के पुण्य प्रभाव से चंद्र देवता को क्षय रोग से मुक्ति मिली थी. सनातन पंरपरा में प्रत्येक दिन के हिसाब से इस व्रत का पुण्यफल बढ़ जाता है. जैसे आज भौम प्रदोष व्रत को करने पर साधक को जीवन से जुड़े तमाम तरह दोष और कष्टों से मुक्ति मिलती है और उस पर शिव संग महादेव का आशीर्वाद बरसता है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत को करने से व्यक्ति तमाम तरह के कर्ज से मुक्त होकर सुखी और संपन्न जीवन जीता है.
भौम प्रदोष व्रत का उपाय
हिंदू मान्यता के अनुसार आज भौम प्रदोष व्रत वाले दिन शिव की चालीसा के साथ हनुमान जी की चालीसा का पाठ और मंगल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार भौम प्रदोष व्रत वाले दिन हनुमान जी के 12 नाम का स्मरण करने पर भगवान शिव के रुद्रावतार माने जाने वाले बजरंगी की कृपा से जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है.
हनुमान जी के 12 नाम
हनुमान
अंजनी पुत्र
वायु पुत्र
महाबली
रामेष्ट
फाल्गुण संख्या
पिंगाक्ष
अमित विक्रमण
उदधिक्रमण
सीता शोक विनाशक
लक्ष्मण प्राण दाता
दशग्रीवा दर्पहा
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)














