Benefits Of Making Haldi Swastik : क्या आप भी अपने घर के मंदिर में स्वास्तिक (swastik) बनाते हैं और इसके लिए रोली, चंदन, हल्दी (turmeric) जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि घर के मंदिर में हल्दी का स्वास्तिक बनाने से क्या होता है, दरअसल, हिंदू धर्म में हल्दी को बहुत शुभ माना जाता है. इसी तरह से स्वास्तिक का भी बहुत महत्व होता है और यदि आप अपने घर के मंदिर में हल्दी का स्वास्तिक (turmeric Swastik) बनाते हैं, तो इससे किस तरह के प्रभाव आपके घर पर और सदस्यों पर पड़ते हैं आइए हम आपको बताते हैं.
हल्दी का स्वास्तिक बनाने के फायदे
स्वास्तिक को लक्ष्मी मां का प्रतीक माना जाता है, ऐसे में अगर आप अपने घर में हल्दी का स्वास्तिक बनाते हैं, तो इससे लक्ष्मी माता बहुत प्रसन्न होती हैं और घर के सभी सदस्यों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं. आइए आपको बताते हैं कि हल्दी का स्वास्तिक बनाने से क्या फायदे होते हैं-
नकारात्मक ऊर्जा को दूर करें
जी हां, घर में अगर शुद्ध हल्दी से स्वास्तिक बनाया जाए तो इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर का माहौल हमेशा शांत और सुखद होता है. ऐसे में आप अपने आप घर के मंदिर में एक हल्दी का स्वास्तिक जरूर बनाएं.
बीमारियों रहे घर से दूर
कहते हैं कि अगर घर में कोई बार-बार बीमार पड़ता है, तो पूजा घर में हल्दी का स्वास्तिक बनाना चाहिए. इससे बीमारियों का नाश होता है और जो भी इंसान बार-बार बीमार पड़ता है उसे बीमारियों से निजात मिलता है.
आर्थिक समस्याओं को दूर करें
पूजा स्थल में अगर हल्दी का स्वास्तिक बनाया जाए, तो इससे धन की देवी लक्ष्मी मां अति प्रसन्न होती हैं और परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं. इस तरह से हल्दी का स्वास्तिक बनाने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
गृह क्लेश को दूर करें
अगर आपके घर में हमेशा लड़ाई झगड़ा होता है, पति-पत्नी के बीच अनबन बनी रहती है, तो घर में पूजा स्थल पर हल्दी से स्वास्तिक बनाना चाहिए इससे गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं घर में हल्दी स्वास्तिक बनाने से सुख शांति का वास घर में होता है और परिवार में प्रेम बना रहता है.
इस तरह बनाएं हल्दी का स्वास्तिक
घर के मंदिर में स्वास्तिक बनाने के लिए ऐसी हल्दी का इस्तेमाल करें जिसका किचन में यूज ना हुआ हो. हल्दी का स्वास्तिक आपको हमेशा साफ हाथों से बनाना चाहिए और स्वास्तिक का निर्माण इस तरह से करना चाहिए कि बीच की रेखाएं आपस में कटे ना, स्वास्तिक बनाने के बाद बीच में चार डॉट लगाएं और इस पर अक्षत छिड़कें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)