Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती माता की पूजा (Saraswati Puja) होती है. इस वर्ष 14 फरवरी, बुधवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. देवी सरस्वती को विद्या और बुद्धि देने वाली माना जाता है. शास्त्रों में देवी सरस्वती की पूजा-पाठ के विधि-विधान के साथ ही कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं जिन्हें बसंत पंचमी के दिन वर्जित माना गया गया है. भूल से भी वर्जित कार्यों को नहीं करना चाहिए वरना हानि होने की आशंका बढ़ सकती है. आइए जानते हैं क्या हैं वे कार्य जिन्हें बसंत पंचमी के दिन करने की मनाही होती है.
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सरस्वती पूजा में इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
पीले रंग का बसंत पंचमी के दिन विशेष महत्व है. पीला रंग मां सरस्वती को प्रिय है. इस दिन माता की पूजा में पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और स्वयं भी पीले रंग के वस्त्र धारण करें. बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
वसंत ऋतु की शुरुआत भी बसंत पंचमी के दिन होती है. इस दिन प्रकृति की पूजा के तौर पर नए पौधे लगाने चाहिए. इस दिन भूलकर भी पेड़-पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. खासकर पौधों को काटना या उखाड़ना अशुभ फल देने वाला होता है. इसका जीवन पर नकारात्मक असर (Negative Effect) पड़ सकता है.
देवी सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी हैं. बसंत पंचमी पर मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए कॉपी किताब और कलम की भी पूजा करनी चाहिए. पुस्तकों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
देवी सरस्वती वाणी की भी देवी हैं. बसंत पंचमी के दिन मानव जिव्हा पर देवी सरस्वती विराजमान रहती हैं, इसलिए भूलकर भी अपशब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए. इस दिन तामसिक भोजन या मदिरा के सेवन से दूर रहना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)