Badrinath Dham: सप्ताह की शुरूआत में ही केदारनाथ धाम के द्वार खोले गए थे और अब श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं. बद्रीनाथ में भी पिछले कुछ दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है. इस बीच बद्रीनाथ धाम को खोला गया है. 22 अप्रैल से ही उत्तराखंड (Uttarakhand) में चारधाम यात्रा की शुरूआत हो चुकी है. इस खास मौके पर हर साल की तरह ही प्रधानमंत्री के नाम से पूजा और आरती की गई. इस मौके पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 टन से अधिक गेंदे के फूलों से सुसज्जित किया गया है.
US के इस राज्य में अब दीवाली पर हुआ करेगी छुट्टी, Diwali को घोषित किया गया है ऑफिशियल हॉलिडेमंदिर के कपाट खुलने से पहले से ही बद्रीनाथ धाम में तेज बर्फबारी हो रही थी. कपाट खुलने के साथ ही भक्तों ने जय बद्री विशाल के नारे लगाना शुरू कर दिए. सेना के बैंड द्वारा भी इस मौके पर धार्मिक गीतों की धुनें बजाई गईं. धाम खुलने के साथ ही आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी को नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर रवाना किया गया.
बर्फबारी के बीच मौसम विभाग ने केदारनाथ की यात्रा के दौरान ही चेतावनी जारी कर दी थी. इसके साथ ही, जिला प्रशासन द्वारा भी लोगों को हिमस्खलन और बर्फबारी से बचने के लिए चेताया गया है.
भक्त बड़ी संख्या में बाबा बद्री के दर्शन के लिए पहुंचे. बद्री विशाल (Badri Vishal) के कपाट खुलते हुए देखने के लिए लोगों में उल्लास और उत्साह का माहौल था. बद्रीनाथ धाम में इस समय कड़ाके की ठंड है. शीतकाल के लिए हर साल विजयादशमी पर बद्रीनाथ के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने से पहले बाबा बद्रीनाथ का श्रृंगार किया जाता है और माता लक्ष्मी को सखी के तौर पर सजाकर बद्री विशाल के साथ गर्भ गृह में स्थापित करते हैं.