Ayodhya Ram Temple: अयोध्या राम मंदिर में कैसे होगी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा, बता रहे हैं पंडित

Pran Pratishtha: प्राण-प्रतिष्ठा किस तरह होती है यह बता रहे हैं पंडित राकेश द्विवेदी. जानिए क्या है प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया. 

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नगर भ्रमण के बाद प्राण प्रतिष्ठा होती है. 

Ayodhya Ram Mandir: करीब 500 साल बाद मर्यादा पुरषोत्तम राम अपने घर विराजमान होने वाले हैं. आने वाली 22 जनवरी के दिन श्रीराम के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा होगी जिसके बाद करोड़ों राम भक्त अयोध्या के नए राम मंदिर में जाकर उनकी पूजा-अर्चना कर पाएंगे. सनातन धर्म में प्राण प्रतिष्ठा का विशेष महत्व होता है और माना जाता है कि प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) करने से भगवान की प्रतिमा जीवित हो उठती है. प्राण प्रतिष्ठा किस तरह होती है यह बता रहे हैं पंडित राकेश द्विवेदी और क्या है इसकी प्रक्रिया. 

पंडित राकेश द्विवेदी के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा की पूजा का विधान है कि यह पूजा पांच या सात लोगों के द्वारा होती है. सबसे पहले मूर्ति का शैयावास कराया जाता है. 

सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान किया जाता है कि वे किसी भी तरह की बाधा या विघ्न को दूर करें. विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं। नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥ मंत्र का जाप किया जाता है. इसके बाद नौ ग्रहों की पूजा होती है. पांचवे दिन नगर भ्रमण किया जाता है. नगर भ्रमण के बाद प्राण प्रतिष्ठा होती है. 

पूरी प्रक्रिया को संक्षेप में समझें तो सबसे पहले रामलला की मूर्ति की शुद्धि की जाएगी, इसके बाद नगर भ्रमण करवाया जाएगा और फिर प्राण प्रतिष्ठा संपन्न की जाएगी जिसके बाद करोड़ों राम भक्त रामलला की मूर्ति के दर्शन कर पाएंगे और राम मंदिर (Ram Mandir) में अपने प्रिय भगवान की पूजा कर सकेंगे. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Ram Mandir Inauguration | पंडित Rakesh Dwivedi से जानिए कैसे होगी रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा

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