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आंवले के पेड़ की परिक्रमा कितनी बार करनी चाहिए

ज्योतिष में नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा का खास महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से हर तरह के पाप कट जाते हैं और दुखों से छुटकारा मिलता है.

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ज्योतिष के अनुसार, आंवले के पेड़ की पूजा करने के बाद लाल धागे से 11 बार परिक्रमा करना अत्यंत शुभ फलदायी है.

Amla Tree Parikrama: सनातन धर्म में पेड़-पौधों की भी पूजा का महत्व है. उन्हें भगवान स्वरूप माना गया है. हर पेड़ की पूजा का अलग महत्व और विधान है. आंवला के पेड़ (Amla Tree) की भी पूजा इसमें शामिल है. मान्यता है कि आंवले के पेड़ में भगवान श्रीहरि विष्णु (Lord Vishnu) वास करते हैं. इसलिए इस पेड़ की विशेष तौर पर पूजा की जाती है. ज्योतिष (Astrology) में नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा का खास महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से हर तरह के पाप कट जाते हैं और दुखों से छुटकारा मिलता है. आंवले के पेड़ की परिक्रमा का भी महत्व बताया गया है. विधि-पूर्वक इस पेड़ की परिक्रमा का अत्यंत लाभ है. यहां जानिए आंवले के पेड़ की परिक्रमा कितनी बार और कैसे करनी चाहिए.

आंवले के पेड़ की परिक्रमा कितनी बार करें

ज्योतिष के अनुसार, आंवले के पेड़ की पूजा करने के बाद लाल धागे से 11 बार परिक्रमा करना अत्यंत शुभ फलदायी है. इससे अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इस परिक्रमा से सभी दुखों का नाश हो जाता है. अगर कोई 21 बार परिक्रमा करता है तो उसके सभी रोग दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है.

आंवले के पेड़ की 51 और 108 परिक्रमा का लाभ

ज्योषित में बताया गया है कि अगर आंवले के पेड़ की 51 बार परिक्रमा की जाए तो किसी भी काम में सफलता मिल सकती है. इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं, अगर परिक्रमा 108 बार की जाए तो हर इच्छा भगवान विष्णु पूरी करते हैं. इस परिक्रमा से धन-धान्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं.

आंवले के पेड़ की परिक्रमा करने की विधि

1. आंवले के पेड़ की 11 बार परिक्रमा करते समय 'ॐ धात्र्यै नमो:' मंत्र का जाप करते रहें, इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
2. आंवले के पेड़ की 21 बार परिक्रमा करते हुए विष्णु स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है.
3. आंवले के पेड़ की 51 बार परिक्रमा करने करते समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने से हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं और सफलता मिलती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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