Apara Ekadashi 2023: पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं. एकादशी के व्रत की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. माना जाता है कि एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने पर भक्तों पर उनकी कृपादृष्टि पड़ती है और जीवन सुखमय और खुशहाल बनता है. अपरा एकादशी को अचला एकादशी (Achala Ekadashi) भी कहते हैं. कष्टों के निवारण के लिए भी इस एकादशी व्रत को शुभ मानते हैं. इस साल अपरा एकादशी की तिथि को लेकर भक्तों के बीच उलझन की स्थिति बन रही है. यहां जानिए अपरा एकादशी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.
अपरा एकादशी का व्रत | Apara Ekadashi Vrat
एकादशी तिथि की शुरूआत इस साल पंचांग के अनुसार 15 मई सुबह 2 बजकर 46 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और इसकी समाप्ति 16 मई सुबह 1 बजकर 3 मिनट पर होगी. इस चलते 15 मई के दिन ही अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. अपरा एकादशी के व्रत का पारण 16 मई के दिन होगा. इस व्रत के पारण का शुभ समय 16 मई के दिन 6 बजकर 41 मिनट से सुबह 8 बजकर 13 पर होगी.
अपरा एकादशी के दिन यानी 15 मई के दिन अपरा एकादशी की पूजा के कई मुहूर्त बन रहे हैं. इस दिन सुबह 4 बजकर 7 मिनट से 4 बजकर 49 मिनट पर होगा. अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा. गोधूलि मुहूर्त इस दिन शाम 7 बजकर 3 मिनट से शाम 7 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.
अपरा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान किया जाता है. इसके पश्चात पीले रंग के स्वच्छ पहनना इस दिन बेहद शुभ मानते हैं. भक्त विष्णु भगवान (Lord Vishnu) के समक्ष मंदिर में दीप प्रज्वलित करते हैं. इसके अलावा गंगा जल, पुष्प और तुलसी दल अर्पित किया जाता है. भगवान विष्णु की आरती होती है. भगवान विष्णु को भोग में सात्विक चीजें चढ़ाई जाती हैं और पूजा के पश्चात भोग का वितरण होता है. भगवान विष्णु की आरती गाई जाती है और ध्यान भी किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)