Amarnath Yatra 2022: अमरनाथ यात्रा 30 जून यानी कल से शुरू होने जा रही है. यह पवित्र यात्रा आगमी 11 अगस्त तक चलेगी. बाबा बर्फानी हिमालय की गोद में स्थित हैं. जिनके दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धलु जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि अमरनाथ में पवित्र गुफा में भगवान शिव शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. यहां प्रत्येक साल बर्फ से शिवलिंग का निर्माण होता है. इसलिए इस शिवलिंग को बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं पवित्र अमरनाथ गुफा के बारे में रोचक तथ्य.
अमरनाथ गुफा को किसने खोजा
मान्यता है कि पवित्र अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) की खोज बुट्टा मलिक नामक एक गड़रिये ने की थी. कहा जाता है कि वह एक दिन भेड़ चराते हुए बहुत दूर निकल गया. आगे एक जंगल में उसकी मुलाकात एक साधु से हुई. उन्होंने बुट्टा मलिक को कोयले से भरा एक थैला दिया. जब वह घर पहुंचा तो उसे कोयले की जगह सोना दिखाई दिया. जिसे देखकर वह बहुत हैरान हो गया. इस चमत्कार से चरवाहा आश्चर्य में पड़ गया. फिर उसके बाद वो साधु को खोजने के लिए उसी स्थान पर पहुंचा, जहां पहले उसकी मुलाकात साधु से हुई थी. साधू को खोजते-खोजते उसको अमरनाथ की गुफा दिखाई दी, लेकिन वे ना मिले. कहा जाता है कि उसी दिन से यह स्थान एक पवित्र तीर्थ बन गया.
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अमरनाथ गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है. गुफा लगभग 150 फीट क्षेत्र में फैली हुई है और लगभग 11 मीटर ऊंची है. इस गुफा का महत्व सिर्फ प्राकृतिक शिवलिंग के निर्माण से नहीं, बल्कि यहां भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमरत्व की कहानी सुनाई थी. मान्यता है कि भगवान शिव साक्षात् अमरनाथ गुफा में विराजमान रहते हैं. इस गुफा में स्थित पार्वती पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है. माना जाता है कि यहां देवी सती का कंठ भाग गिरा था.
अमरनाथ गुफा में निर्माण होने वाले शिवलिंग की ऊंचाई चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ घटती-बढ़ती रहती है. दरअसल माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन शिवलिंग अपने पूरे आकार में होता है. वहीं अमावस्या तिथि को शिवलिंग का आकार कुछ छोटा हो जाता है. इस पवित्र शिवलिंग पर लगातार बर्फ की बूंदें टपकती रहती हैं, जिससे लगभग 10-12 फीट ऊंचा शिवलिंग का निर्माण हो जाता है. बता दें कि पवित्र गुफा हिमालय पर्वत पर करीब 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
पवित्र अमरनाथ गुफा से जुड़ी पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व की कथा और उस गुफा का रहस्य बताया था. अमरकथा सुनाने में समस्या थी कि कोई अन्य जीव इस कथा को ना सुने. यही कारण हैं कि भगवान शिव ने पांच तत्वों का त्याग करके पर्वत पर पहुंचे और अमरनाथ गुफा में पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई. पार्वती के साथ इस रहस्य को शुक नामक कबूतर ने भी सुन लिया. जिसके बाद कबूतर शुकदेव ऋषि के रूप में अमर हो गए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)