270 साल बाद पद्मनाभस्वामी मंदिर में होने जा रहा है 'महाकुंभभिषेक', क्या है इसका महत्व और उद्देश्य, जानिए यहां

पद्मनाभस्वामी मंदिर में सदियों बाद व्यापक जीर्णोद्धार संबंधित अनुष्ठान किए जा रहे हैं. इस अनुष्ठान को देखना एक दुर्लभ अवसर होगा. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
भगवान विष्णु का मंदिर होने से यहां एकादशी पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है.

Padmanabhaswamy temple : केरल के प्राचीन पद्मनाभस्वामी मंदिर में एक दुर्लभ महाभिषेक होने जा रहा है. यह अभिषेक लंबे समय से लंबित जीर्णोद्धार कार्य के पूरे होने के बाद किया जाएगा. यह अभिषेक अगले सप्ताह होगा. मंदिर के इस अनुष्ठान का उद्देश्य आध्यात्मिक ऊर्जा को सुदृढ़ करना बताया जा रहा है. आपको बता दें कि 270 साल बाद ये खास प्रकार का महानुष्ठान होने जा रहा है. यह अनुष्ठान 8 जून को होगा जिसमें नवनिर्मित 'तजिकाकुडम' का अभिषेक, विश्वसेन की मूर्ति की पुन: स्थापना और तिरुवंबाडी श्री कृष्ण मंदिर में 'अष्टबंध कलसम' शामिल है.

क्या आपको पता है भक्त नीब करोली बाबा को क्यों चढ़ाते हैं कंबल, जानिए यहां

पद्मनाभस्वामी मंदिर में सदियों बाद व्यापक जीर्णोद्धार संबंधित अनुष्ठान किए जा रहे हैं. इस अनुष्ठान को देखना एक दुर्लभ अवसर होगा. 

पद्मनाभस्वामी मंदिर क्यों है प्रसिद्ध - Why is Padmanabhaswamy Temple famous?

पद्मनाभस्वामी मंदिर रहस्यों के लिए जाना जाता है. आपको बता दें कि यह मंदिर सबसे अमीर मंदिरों में से एक है. कहा जाता यह मंदिर 8वीं शताब्दी का है और इसका निर्माण त्रावणकोर के राजाओं ने करवाया था.

Advertisement

वहीं, यह मंदिर  द्रविड़ वास्तुकला से बनकर तैयार है. इसके गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा है जो 'शेषनाग' पर लेटी हुई है.

Advertisement

पद्मनाभस्वामी मंदिर में कुल 7 दरवाजें हैं. जिनमें सातवां दरवाजा बेहद खतरनाक माना जाता है. लोगों का कहना है कि 7वें दरवाजे के खुलने पर कलयुग का अंत हो जाएगा. एकादशी के दिन यहां पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. इस तिथि को यहां पर्व के रुप में मनाया जाता है. 

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Pakistan Spy Case: नौशाबा ऐसे बना रही थी भारतीय YouTubers को निशाना | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article