1971 के बाद भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पहली बार होगी 2 दिवसीय, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

Puri Rath yatra 2024 :आपको बता दें कि इस बार कई ऐसे अनुष्ठान हैं, जो यात्रा से पहले किए जाते थे लेकिन इस बार आज ही के दिन किए जाएंगे.

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इस यात्रा को लेकर मान्यता है कि इसमें शामिल होने से 100 यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.

Jagannath Rath Yatra 2024 : आज से ओडिशा के पुरी से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो गई है. विश्व विख्यात यह पवित्र यात्रा वैसे तो 1 दिवसीय होती है लेकिन इस बार विशेष खगोलीय घटनाओं के चलते दो दिन तक चलेगी. ऐसा इससे पहले साल 1971 में हुआ था. आपको बता दें कि हर साल इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से शामिल होने आते हैं. इस बार इस धार्मिक यात्रा में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी शामिल हो रही हैं. ऐसे में ओडिशा सरकार ने राष्ट्रपति मुर्मू के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज से आती हैं. इसलिए उनके लिए यह यात्रा बहुत खास हो जाती है. 

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ओडिशा में दो दिवसीय सार्वजनिक अवकाश

इस यात्रा में किसी तरह की परेशानी न आए इसके लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने 7 और 8 को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है. पुरी के कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि सभी लोगों के सहयोग से सारे अनुष्ठान कुशलता पूर्वक चल रहे हैं. भगवान के आशीर्वाद से अन्य कार्यक्रम भी सुचारु ढंग से आयोजित किए जाएंगे. 

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वहीं, पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों सुरक्षा बलों को कानून और सुरक्षा व्यवस्था प्रबंधन करने और भीड़ नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया है. वहीं यात्रा में किसी की तबीयत बिगड़ जाती है, तो उसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी तैयार किया गया है.

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जगन्नाथ रथ यात्रा 2024 क्यों है खास

इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा में परंपरा से अलग सहोदर देवताओं प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र से जुड़े कई अनुष्ठान किए जाएंगे. आपको बता दें कि इस बार कई ऐसे अनुष्ठान हैं, जो यात्रा से पहले किए जाते थे लेकिन इस बार आज ही के दिन किए जाएंगे. इसमें से एक अनुष्ठान है 'नवजौवन दर्शन' जो देवाताओं की युवा उपस्थिति को दर्शाता है. 

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जगन्नाथ रथ यात्रा की क्या है मान्यता -Significance of Jagannath Rath Yatra

इस यात्रा को लेकर मान्यता है कि इसमें शामिल होने से 100 यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि दुनिया भर से लोग इस यात्रा में प्रभु जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने के लिए शामिल होते हैं. साथ ही यह भी मान्यता है कि इस यात्रा में शामिल होने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम होता है. क्योंकि जगन्नाथ रथ यात्रा में नवग्रहों की पूजा की जाती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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