Ganga Dussehra 2022: पंचांग के मुताबिक आज ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि है. मान्यतानुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व मनाया जाता है. इस में गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व आज मनाया जा रहा है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन मां गंगा (Maa Ganga) का धरती पर अवतरण हुआ था. इस दिन गंगा स्नान (Ganga Snan) और उसके बाद दान (Daan) करने की परंपरा है. माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से जन्म-जन्मांतक के पाप धुल जाते हैं. ज्योतिष (Astrology) के मुताबिक इस बार गंगा दशहरा पर 4 शुभ योगों (Ganga Dussehra 2022 Shubu Yog) का निर्माण हो रहा है. आइए जानते हैं इस बारे में.
गंगा दशहरा पर बन रहे हैं 4 महायोग | Ganga Dussehra 2022 4 Mahayoga
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के मुताबिक गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) पर आज चार शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. दरअसल आज वृषभ राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग (Buddhaditya Yoga) बन रहा है. साथ ही गुरु, चंद्रमा और मंगल का दृष्टि संबंध होने के कारण महालक्ष्मी (Mahalakshmi Yoga) और गजकेसरी योग (Gajakesari Yoga) का निर्माण हो रहा है. इसके अलावा पूरे दिन रवि योग (Ravi Yoga) रहेगा. ऐसे में इन चार शुभ संयोगों में स्नान और दान का महत्व काफी बढ़ गया है. इस दिन अगर गंगा नदी में स्नान का संयोग ना बन पाए तो घर में ही नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है.
गंगा दशहरा पर गंगा स्नान का शुभ समय | Ganga Dussehra Snan Shubh Muhurat
- शुभ चौघड़िया मुहूर्त- सूर्योदय से सुबह 7.07 एएम तक
- शुभ योग- सुबह 08.23 एम से दोपहर 2.05 बजे तक
- सफलता योग- सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक
गंगा दशहरा पर स्नान दान का महत्व | Importance of Snan and Daan on Ganga Dussehra
स्कंद पुराण के मुताबिक गंगा दशहरा पर आज गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान-ध्यान करने के बाद दान जरूर करना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन ऐसा करने से जीवन के समस्त पाप धुल जाते हैं. मान्यताओं का मुताबिक गंगा दशहरा कि दिन 10 चीजों के दान की परंपरा रही है. कहा जाता है कि इस दिन दान करने से जीवन में खशहाली आती है. इसके साथ दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति मिल जाती है.
गंगा दशहरा की पौराणिक मान्यता के मुताबिक ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दौरान हस्त नक्षत्र में मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. इसलिए ऐसा माना जाता है कि हस्त नक्षत्र के दौरान संपन्न किए गए मांगलिक कार्य और पूजा-पाठ सफल होते हैं. हस्त नक्षत्र 9 जून को सुबह 4 बजकर 26 मिनट से 10 जून को सुबह सूर्योदय के पहले तक है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)