मां के 4 आदि शक्तिपीठ के कर लिए दर्शन तो 51 शक्तिपीठ के बराबर मिलेगा आपको पुण्य, जानिए कहां-कहां हैं ये मंदिर

आपको यहां पर मां के 51 शक्तिपीठ के बारे में नहीं बल्कि 4 आदिशक्ति पीठ के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के दर्शन करने से आपको 51 शक्तिपीठ के बराबर फल मिलता है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कामाख्या देवी मंदिर - यहां पर देवी सती के योनि खंड की पूजा होती है.

Aadi shaktipeeth : भारत में देवी मां के 51 शक्ति पीठ हैं, जिनका हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. आपको बता दें कि यह शक्ति पीठ उन जगहों पर स्थापित हैं जहां देवी सती के शरीर के अलग-अलग अंग और आभूषण गिरे थे. वैसे तो मुख्य रूप से शक्ति पीठ की संख्या 51 है लेकिन कुछ जगहों पर इसकी 52 होने का भी जिक्र मिलता है. माता की इन सभी शक्तिपीठ स्तोत्र की पूजा और दर्शन करने के अपने अलग-अलग फायदे हैं. आज हम आपको यहां पर मां के 51 शक्तिपीठ के बारे में नहीं, बल्कि 4 आदिशक्ति पीठ के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के दर्शन करने से आपको 51 शक्तिपीठ के बराबर फल मिल सकता है. 

Astrologer ने बताया हनुमान मंदिर में इस एक शब्द का 9 बार करें जाप, बरसेगी बजरंग बली और प्रभु राम की कृपा

देवी सती के 4 आदि शक्ति पीठ 

कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी

यहां पर देवी सती के योनि खंड की पूजा होती है. यह मंदिर गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किलोमीट की दूरी पर स्थित है. कामाख्या शक्तिपीठ में देवी की प्रतिमा नहीं है. यहां पर देवी सती की योनि की पूजा होती है. यह मंदिर एक अंधेरी गुफा में है जहां पर एक दीप प्रज्वलित होता रहता है.आपको बता दें कि इस मंदिर में 15 दिन की दुर्गा पूजा होती है. 

कालीधाम मंदिर, कोलकाता

 पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव के तांडव के समय माता सती के दाहिने पैर की चार अंगुलियां कालीधाम में गिरी थीं. ऐसे में यहां पर मां की 4 अंगुलियों की पूजा की जाती है. आप यहां पर भी एकबार दर्शन के लिए जा सकते हैं. नवरात्र के समय पर तो इस मंदिर में मां के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं. 

बिमला देवी मंदिर, ओडिशा

यह मंदिर पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के अंदर है. मान्यता है यहां देवी सती के पैर गिरे थे. बिमला देवी को जगन्नाथ जी की माता माना जाता है. इसलिए जगन्नाथ जी का पट खुलने से पहले मां बिमला के पट खुले जाते हैं. वहीं रात को पहले जगन्नाथजी का और फिर देवी मंदिर का पट बंद होते हैं. 

 तारा तारिणी, ओडिशा

यहां पर देवी सती के स्तन खंड की पूजा होती है. पुरी से 178 किमी दूर पुरुषोत्तमपुर ऋषिकुल्या नदी के पुण्यगिरी में माता तारा तारिणी देवी का यह मंदिर स्थित है. इसे तंत्र आदि शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है.

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
अस्पताल की टंकी में लाश! हज़ारों मरीज़ पी रहे थे वही पानी? | Deoria Medical College Shocking Case
Topics mentioned in this article