Explained: दिल्ली एयरपोर्ट पर घने कोहरे में भी कैसे रनवे को देख रहे पायलट, 'CAT-III' को जरा समझिए

दिल्ली-NCR में घने कोहरे के बीच एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों को अलर्ट किया है कि जो उड़ानें CAT-III मानकों पर खरी नहीं उतरतीं, उनके टेकऑफ और लैंडिंग में दिक्कत आ सकती है. ऐसे में कई फ्लाइट्स के लेट होने या रद्द होने की संभावना जताई गई है.

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  • दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर घने कोहरे में उड़ानों का संचालन CAT-III स्थिति में किया जा रहा है.
  • CAT-III सिस्टम विमान को खराब मौसम में रेडियो सिग्नल के जरिए सुरक्षित लैंडिंग में मदद करता है.
  • हर विमान, पायलट और एयरपोर्ट का CAT-III compliant होना जरूरी है, अन्यथा उड़ानें रद्द या देरी हो सकती हैं.
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उत्तर भारत के कई हिस्सों में घने कोहरे की चादर के बीच दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन CAT-III स्थिति में किया जा रहा है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों को अलर्ट किया है कि जो उड़ानें CAT-III मानकों पर खरी नहीं उतरतीं, उनके टेकऑफ और लैंडिंग में दिक्कत आ सकती है. ऐसे में कई फ्लाइट्स के लेट होने या रद्द होने की संभावना जताई गई है.

दिल्ली एयरपोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जारी बयान में कहा है कि कोहरे के बावजूद लैंडिंग और टेकऑफ जारी हैं, लेकिन CAT-III compliant न होने वाली उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं. यात्रियों से अपील की गई है कि वे ताजा जानकारी के लिए अपनी एयरलाइन से संपर्क करें. ऐसे में आइए आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर ये CAT-III सिस्टम होता क्या है? 

क्या है CAT-III सिस्टम?

CAT-III दरअसल Instrument Landing System (ILS) की सबसे उन्नत कैटेगरी है. यह तकनीक विमान को घने कोहरे, बारिश या बर्फबारी जैसी खराब मौसम स्थितियों में भी सुरक्षित रूप से रनवे तक पहुंचाने में मदद करती है. इसमें रेडियो सिग्नलों के जरिए पायलट को दाएं-बाएं दिशा और ऊपर-नीचे उतरने की सटीक जानकारी मिलती है.

सरल शब्दों में, जब पायलट को आंखों से रनवे दिखाई नहीं देता, तब CAT-III सिस्टम मशीनों के भरोसे लैंडिंग संभव बनाता है.

लैंडिंग की अलग-अलग कैटेगरी

ILS सिस्टम को विजिबिलिटी के आधार पर कई हिस्सों में बांटा गया है.

CAT-I: 550 मीटर तक विजिबिलिटी

CAT-II: 300 मीटर तक

CAT-III: 300 मीटर से कम विजिबिलिटी. यह जीरो विजिबिलिटी के केस में भी लागू होती है.

दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर CAT-III सिस्टम लगाया गया है, जो घने कोहरे में भी लैंडिंग की सुविधा देता है.

फिर भी उड़ानें क्यों हो जाती हैं रद्द?

हर विमान और हर पायलट CAT-III सिस्टम के लिए तैयार नहीं होता. किसी फ्लाइट के संचालन के लिए

  1. विमान का CAT-III compliant होना,
  2. पायलट और को-पायलट की विशेष ट्रेनिंग,
  3. और एयरपोर्ट पर पूरी तकनीकी व्यवस्था

तीनों का होना जरूरी है. इनमें से किसी एक की कमी होने पर उड़ान डिले, डायवर्ट या कैंसिल हो सकती है.

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यात्रियों के लिए क्या सलाह?

एयरपोर्ट प्रशासन ने बताया है कि यात्रियों की मदद के लिए ग्राउंड स्टाफ तैनात है. यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे एयरपोर्ट पहुंचने से पहले अपनी फ्लाइट का स्टेटस जरूर जांच लें और किसी भी अपडेट के लिए सीधे अपनी एयरलाइन से संपर्क करें.

CAT-III तकनीक कोहरे में उड़ानों के लिए एक अहम सहारा है, लेकिन यह हर स्थिति में उड़ान की गारंटी नहीं देती. ऐसे मौसम में उड़ानों पर असर पड़ना सुरक्षा से जुड़ा फैसला माना जाता है, न कि तकनीकी विफलता.

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