Explainer : आज लॉन्च होगा शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन, भारत के लिए यह इतना महत्वपूर्ण क्यों?

Axiom-4, Shubhanshu Shukla : एक्सिओम-4 मिशन भारत के लिए एक गर्व का पल है, जिससे देश को कई तरह के फायदे मिलेंगे. इस मिशन के माध्यम से भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने का अवसर मिलेगा.

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पूरी दुनिया की निगाहें इस ऐतिहासिक क्षण पर

भारत के लिए गौरव का क्षण है. NASA ने घोषणा की है कि Axiom-4 मिशन अब 25 जून को लॉन्च किया जाएगा. यह मिशन भारत, हंगरी और पोलैंड, तीनों देशों के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है. खासकर भारत के लिए यह अवसर बेहद खास है, क्योंकि लंबे समय बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष की ओर प्रस्थान करेगा. इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होंगे. यह भारत के लिए एक नया मील का पत्थर होगा.

हालांकि, इस मिशन की लॉन्चिंग को पहले कई बार टाला जा चुका है. लेकिन अब सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और भारत सहित पूरी दुनिया की निगाहें इस ऐतिहासिक क्षण पर टिकी हैं.

एक्सिओम-4 मिशन भारत के लिए एक गर्व का पल है, जिससे देश को कई तरह के फायदे मिलेंगे. इस मिशन के माध्यम से भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने का अवसर मिलेगा.

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Axiom-4 मिशन, न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा, तकनीकी क्षमताओं और आर्थिक संभावनाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाला साबित होगा. इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय है. 1984 के बाद पहली बार कोई भारतीय व्यावसायिक अंतरिक्ष मिशन के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का हिस्सा बनने जा रहा है.


यह मिशन भारत के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

1. वैज्ञानिक और अनुसंधान क्षेत्र में प्रगति

Axiom-4 मिशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे. इनमें 31 देशों के वैज्ञानिक और संस्थान शामिल हैं. भारत और NASA के संयुक्त सहयोग से 12 प्रयोग होंगे, जिनमें 7 भारतीय और 5 अमेरिकी अनुसंधान परियोजनाएं शामिल हैं. ये प्रयोग मुख्यतः जैविक विज्ञान, मानव स्वास्थ्य, अंतरिक्ष जीवन प्रणाली और अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित होंगे.

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2. गगनयान और भविष्य के मिशनों की नींव

भले ही शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन का हिस्सा न बनें, लेकिन Axiom-4 से प्राप्त उनका अनुभव गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग और मिशन डिजाइन में उपयोगी सिद्ध होगा. यह मिशन भारत को अपने स्वयं के स्पेस स्टेशन की योजना में भी मदद करेगा.

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3. वैश्विक मंच पर भारत की साख

Axiom-4 मिशन भारत को फिर से अंतरिक्ष महाशक्तियों की पंक्ति में खड़ा करता है. यह भारत की वैश्विक वैज्ञानिक छवि को मजबूत करेगा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने में सहायक होगा. शुभांशु शुक्ला भारत के लिए राकेश शर्मा के बाद दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनेंगे, जिससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की निरंतरता और विकास स्पष्ट होता है.

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4. युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत

शुभांशु की यह यात्रा भारत के युवाओं के लिए एक जीवंत प्रेरणा बनेगी. ISS पर किए गए प्रयोग, वीडियो डॉक्यूमेंटेशन और उनके अनुभवों के साझा किए जाने से छात्रों में STEM (विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में रुचि बढ़ेगी. इससे शिक्षा प्रणाली में नवाचार और शोध आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

5. यह आगे की एक तैयारी

भारत के लिए Axiom-4 मिशन की अहमियत एक ट्रेनिंग की तरह की है, आगे की एक तैयारी के रूप में है. ISRO के अनुसार शुभांशु शुक्ला ही भारत के अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान के लिए "शीर्ष दावेदारों में" से हैं. यह मिशन 2027 में लॉन्च करने की तैयारी है. अंतरिक्ष विभाग ने कहा है, "उनकी यात्रा सिर्फ एक उड़ान से कहीं अधिक है - यह एक संकेत है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण (एक्सप्लोरेशन) के एक नए युग में साहसपूर्वक कदम रख रहा है." मिशन Axiom 4 की यात्रा और फिर ISS पर 14 दिन गुजारना, यह घर वापस लाने के लिए शुभांशु को "अमूल्य" सबक प्रदान करेगा. इसी लिए मिशन Axiom 4 के लिए भारत ने 550 करोड़ रुपये खर्च करके टिकट खरीदी है.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्री क्या करेंगे?

Axiom Space में की वेबसाइट के अनुसार ये चारों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 14 दिन तक 60 एक्सपेरिमेंट करेंगे. अगर शुभांशु शुक्ला की बात करें तो वो अंतरिक्ष में सात एक्सपेरिमेंट करेंगे, जिनका उद्देश्य भारत में माइक्रोग्रैविटी रिसर्च को प्रोत्साहित करना है. भारत का 2035 तक अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2047 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने की लक्ष्य है. भारत उसी की तैयारी में लगा है.

मिशन पर कौन-कौन जा रहा है?
इस मिशन पर कुल 4 अंतरिक्ष यात्री जा रहे हैं. NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space में मानव अंतरिक्ष उड़ान की डायरेक्टर पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमान संभालेंगी. ISRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे. दो मिशन विशेषज्ञ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के परियोजना अंतरिक्ष यात्री पोलैंड के स्लावोस्ज़ उज़्नान्स्की-विल्निविस्की और हंगरी के टिबोर कापू हैं.