सीनियर IPS SBK सिंह को दिल्ली पुलिस कमिश्नर का एडिशनल चार्ज दिया गया है. जो कि AGMUT कैडर के IPS है. दिल्ली पुलिस के कई महत्वपूर्ण पद पर रहे हैं. फिलहाल वो DG होम गार्ड के पद पर हैं. भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के वरिष्ठ अधिकारी एस.बी.के. सिंह ने अपने 30 वर्षों के करियर में दिल्ली पुलिस, रॉ, अरुणाचल प्रदेश, पुदुचेरी जैसी कई अहम जगहों पर अपनी सेवा दी है. तकनीक, ईमानदारी और रणनीतिक दृष्टिकोण के लिए पहचाने जाने वाले सिंह वर्तमान में डीजी, होम गार्ड्स (दिल्ली पुलिस) के पद पर कार्यरत हैं.
दिल्ली पुलिस में प्रमुख जिम्मेदारियां
SBK सिंह ने अपने करियर के शुरुआती वर्षों में एसीपी करोल बाग, फिर एडिशनल डीसीपी साउथ, डीसीपी नॉर्थ-ईस्ट और डीसीपी सेंट्रल के रूप में कार्य किया. वे आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के प्रमुख भी रह चुके हैं. उनकी जिम्मेदारियां यहीं नहीं रुकीं वे संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम), विशेष पुलिस आयुक्त (इंटेलिजेंस एवं सिक्योरिटी) और फिर स्पेशल कमिश्नर, लॉ एंड ऑर्डर के पद तक पहुंचे. विशेष पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) के रूप में अपनी आखिरी पोस्टिंग में उन्होंने 14 में से 7 जिलों के 85 पुलिस थानों की निगरानी संभाली.
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमान
SBK सिंह 2015 गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत आए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा के सुरक्षा प्रमुख रहे. इसी वर्ष इंडो-अफ्रीका फोरम समिट (अक्टूबर 2015) की सुरक्षा व्यवस्था की भी निगरानी उन्होंने की, जिसमें 54 देशों के राष्ट्राध्यक्ष/प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
हाई-प्रोफाइल केस में भूमिका
उनकी छवि एक प्रोफेशनल, संवेदनशील और जांच-केंद्रित अधिकारी की रही है.
- उपहार सिनेमा अग्निकांड
- पोंटी चड्ढा हत्याकांड,
- कई जमीन घोटालों वाले मामले
- कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच में वे प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं
- अन्य राज्य व इंटेलिजेंस सेवा में कार्यकाल
SBK सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में एसपी खोंसा (1992-94), एसपी (T) (1994-95) और आईजीपी (2010-12) के रूप में सेवा दी. पुदुचेरी में भी उन्होंने प्रशासनिक दायित्व निभाया. साथ ही उनका रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) में 7 वर्षों का सफल कार्यकाल रहा, जो उनकी बहुआयामी क्षमताओं को दर्शाता है. SBK सिंह ने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से 1986 में स्नातक किया और कम उम्र में ही IPS में चयनित हुए. उन्होंने आगे चलकर मानव संसाधन प्रबंधन में MBA भी पूरा किया. तकनीक के प्रयोग में वे हमेशा अग्रणी रहे
‘Lost Report' मोबाइल ऐप (गुम हुई वस्तुओं के लिए)
‘Police Clearance Certificate' वेब एप्लिकेशन (पीसीसी हेतु) जैसे इनोवेशन उन्होंने तैयार करवाए.
सम्मान और पारिवारिक जीवन
उन्हें Police Medal for Meritorious Services,
President's Medal for Distinguished Service,
और National E-Governance का सिल्वर मेडल मिल चुका है.
वे एक विचारशील और आध्यात्मिक रुझान वाले अधिकारी हैं और उनका ब्लॉग ‘Spiritual Policeman' (www.sbksingh.com) उनके अनुभवों को दर्शाता है. उनकी पत्नी डॉ. सुशी सिंह शिक्षा और CSR क्षेत्र में परामर्श देती हैं. उनकी दो बेटियां, अमेरिका में अपने करियर में सफल हैं.