दिल्ली की पिछली सरकार में क्या हुआ था अस्पताल घोटाला? NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट में हुए खुलासे

दिल्ली में पहले चरण में 1125 करोड़ में 7 ICU अस्पताल में 6800 बेड के बनने थे लेकिन 3 साल बीतने के बाद केवल 50 फ़ीसदी काम ही पूरा हुआ. इसी के तहत एलएनजेपी अस्पताल के इस नए ब्लॉक में 465 करोड़ की लागत से 1570 बेड का अस्पताल 2023 तक बनना था.

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दिल्ली में अस्पताल घोटाले के पीछे की सच्चाई की ग्राउंड रिपोर्ट
नई दिल्ली:

एंटी करप्शन ब्यूरो यानी ACB  दिल्ली में अस्पताल बनाने के दौरान हुए घोटालों की अभी जांच कर रही है. आरोप है कि पिछली सरकार के समय राजधानी में 24 अस्पताल बनाने के दौरान घोटाले हुए. इसे लेकर पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज कर इसकी जांच भी शुरू कर दिया गया है.  दिल्ली में अस्पताल बनवाने के नाम पर हुए कथित घोटाले की सियासी लड़ाई दिल्ली से पंजाब तक लड़ी जा रही है. NDTV ने पड़ताल किया कि आखिर 24 अस्पताल बनाने में क्या लापरवाही हुई है.

NDTV की टीम इन आरोपों की जांच के लिए सबसे पहले किराडी पहुंचे. स्थानीय लोगों से पता चला कि तालाब जैसे दिखने वाली इसी जगह पर  2021 में अस्पताल बनने की शुरुआत हुई. लोगों ने अस्पताल के भूमि पूजन की फ़ोटो और पूर्व विधायक रितुराज की रिकार्डिंग सुनाई. इस रिकॉर्डिंग में वो कहते सुनाई दे रहे हैं कि अस्पताल का निर्माण पायलिंग पद्धति से होगी. लेकिन ये समझ से परे है कि जब अस्पताल बना ही नहीं तो घोटाला कैसे, पर स्थानीय लोगों ने टेंडर की कॉपी दिखाई.और आम आदमी पार्टी के वर्तमान विधायक अनिल झा ने भी इस बात की तस्दीक की. 

स्थानीय निवासी पप्पू सिंह के मुताबिक ये टेंडर हुआ था एक सौ बीस करोड़ का था 16 करोड़ रुपए पहले मिले लेकिन कंपनी और पूर्व विधायक ही बता सकते हैं कि पैसों का क्या हुआ. 2022 में यहां टीन शेड भी लगा था लेकिन वो भी लोग उखाड़ ले गए. अब ये अस्पताल बनेगा या नहीं इसका जवाब किसी के पास नहीं है.वहीं किराडी से आप पार्टी विधायक अनिल झा ने भी माना कि कंपनी को टेंडर मिला था उसे पैसा मिला होगा लेकिन मैं कह रहा हूँ कि अब क्यों नहीं बीजेपी बनवा रही है अब तक उनकी सरकार है.

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इसी तरह दिल्ली में पहले चरण में 1125 करोड़ में 7 ICU अस्पताल में 6800 बेड के बनने थे लेकिन 3 साल बीतने के बाद केवल 50 फ़ीसदी काम ही पूरा हुआ. इसी के तहत एलएनजेपी अस्पताल के इस नए ब्लॉक में 465 करोड़ की लागत से 1570 बेड का अस्पताल 2023 तक बनना था लेकिन अब इसकी लागत बढ़कर 1125 करोड़ हो चुकी है और 50 फ़ीसदी काम ही पूरा हुआ. ऐसा ही एक रघुवीर नगर का ये सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है. इस का काम 70 फ़ीसदी पूरा है लेकिन 2021 में इसकी लागत 91 करोड़ थी जो अब बढ़कर 152 करोड़ हो चुकी है.

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अस्पताल घोटाले पर पार्टी ने दी सफ़ाई

इस मामले पर सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन ने कैमरे पर बात नहीं की लेकिन लिखित बयान देकर आम आदमी पार्टी ने सफ़ाई दी है कि कोई कैसे सोच सकता है कि बुनियादी ढांचे की परियोजना में में देरी को भ्रष्टाचार कहा जा सकता है. वह भी मंत्रियों के स्तर पर अगर यही भ्रष्टाचार का पैमाना है तो बीजेपी के मंत्रियों के खिलाफ मामला क्यों नहीं दर्ज होना चाहिए. लेकिन आम आदमी पार्टी की सफ़ाई को अस्पतालों के निर्माण में कथित घोटाले की शिकायत करने वाले दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंदर गुप्ता सिरे से नकारते हैं. दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र  गुप्ता ने 2024 तक प्रोजेक्ट भी नहीं पूरा हुआ और ये कंपनियों को पैसे भी देते रहे यानि नया अस्पताल भी नहीं बना और कंपनियाँ आर्ब्रिटेशन में चली गई सरकार ने करोड़ों रुपए का भुगतान करना पड़ा.

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अब इन अस्पतालों का क्या होगा ?

अब यही अधूरे अस्पताल दिल्ली सरकार के लिए गले की फांस बन गए हैं क्योंकि इन अस्पतालों का काम पूरा करने के लिए करीब 5000 करोड़ चाहिए और चलाने के लिए सालाना 8000 करोड़ से ज़्यादा. यही वजह है कि सरकार में बैठकों का दौर चल रहा है.कुछ अस्पतालों को PPP मॉडल से चलाने पर विचार भी हो रहा है पर लोगों को इन अस्पतालों की सुविधा कब मिलेगी. इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

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