- DTC नई साल से महिलाओं के लिए पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड सेवा शुरू करेगा जो मुफ्त यात्रा के लिए अनिवार्य होगा
- पिंक सहेली कार्ड राष्ट्रीय कॉमन मोबिलिटी कार्ड के तहत जारी होगा
- कार्ड के लिए दिल्ली का निवासी होना जरूरी है और महिलाओं की उम्र बारह वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसों में मुफ्त यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए रेखा गुप्ता सरकार नए साल से पिंक सहेली कार्ड शुरू करने जा रही है. महिलाओं को बसों में मिलने वाली पिंक पर्ची की जगह अब पिंक सहेली कार्ड लेंगे, जिसकी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो गई हैं. पिंक सहेली कार्ड की सेवा शुरू होने के बाद डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए यह स्मार्ट कार्ड अनिवार्य होगा. डीटीसी की बसों में अभी 2 करोड़ महिलाएं प्रतिमाह मुफ्त में यात्रा करती हैं. पिंक सहेली कार्ड का मकसद इस योजना में पारदर्शिता लाना है.
'पिंक सहेली कार्ड' के लिए आधार होगा जरूरी
डीटीसी ने 'पिंक सहेली कार्ड' स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए दो निजी बैंकों का चुनाव कर लिया है. इन दो कंपनियों को ही पिंक सेहली कार्ड जारी करने की अनुमति होगी. डीटीसी के अधिकारियों ने बताया कि सरकार शहर भर में विशेष काउंटर स्थापित करना शुरू करेगी, जहां महिलाएं अपने दिल्ली आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में इस्तेमाल करके पिंक सहेली कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगी.
इन महिलाओं को नहीं मिलेगा पिंक सहेली कार्ड
'पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड' राष्ट्रीय कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) ढांचे के तहत जारी किया जाएगा. यह केवल डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा की अनुमति देगा और अन्य परिवहन साधनों पर उपयोग के लिए रिचार्ज और टॉप-अप सुविधा प्रदान करेगा.
- पिंक सहेली कार्ड लेने के लिए आवेदकों को दिल्ली का वास्तविक निवासी होना चाहिए.
- पिंक सहेली कार्ड बनवाने के लिए महिलाओं की उम्र 12 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए.
- महिलाओं के पास वैध प्रमाण होना चाहिए, जिसमें आधार कार्ड शामिल है.
पिंक सहेली कार्ड का मकसद
सहेली पिंक कार्ड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट और सहेली कार्ड पोर्टल पर खुला है. सहेली कार्ड का उद्देश्य पुरानी गुलाबी कागज वाली टिकट प्रणाली को बदलना है, जिसकी अपनी सीमाएं थीं और जिसके दुरुपयोग और अक्षमताओं की संभावना अधिक थी. स्मार्ट कार्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि लाभ वास्तविक निवासियों तक पहुंचें. यह योजना यह भी सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली के बाहर के लोग इस योजना का दुरुपयोग न करें.
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वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए अलग कार्ड
पिंक सहेली कार्ड के अलावा, चुनिंदा बैंक दो अन्य श्रेणियों के स्मार्ट कार्ड भी जारी करेंगे. इनमें से एक कार्ड वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, खिलाड़ियों, युद्ध विधवाओं और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं सहित 12 से अधिक श्रेणियों के बस पास धारकों के लिए होगा. तीसरा कार्ड सभी यात्रियों के लिए एक सामान्य उपयोग वाला स्मार्ट कार्ड होगा. मेट्रो कार्ड की तरह, यह प्रीपेड आधार पर काम करेगा और इसके लिए यात्री के नाम और फोटो सहित पूर्ण केवाईसी (पहचान सत्यापन) की आवश्यकता होगी. सूत्रों ने बताया कि यात्रियों को यह कार्ड प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 120 रुपये का भुगतान करना होगा, जिसके बाद इसे आवश्यकतानुसार रिचार्ज किया जा सकता है.
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कैसे काम करता है DTC?
डीटीसी वर्तमान में दिल्ली में 24x7 आधार पर 44 बस डिपो और नोएडा में एक बस डिपो संचालित कर रही है. जुलाई तक, इन 44 डिपो से 3,266 (1,950 इलेक्ट्रिक और 1,694 सीएनजी) बसों का एक सक्रिय बेड़ा संचालित होता था. बस डिपो को चार क्षेत्रों, उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण, में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक का नेतृत्व एक क्षेत्रीय प्रबंधक करता है, और प्रत्येक डिपो का नेतृत्व एक डिपो प्रबंधक करता है. इसके अलावा, डीटीसी के राजधानी भर में 4 कॉर्पोरेट कार्यालय और 40 पास सेक्शन हैं.













