- दिल्ली के कालकाजी में बारिश के कारण नीम पेड़ के गिरने से एक व्यक्ति की मौत और एक गंभीर रूप से घायल हो गया.
- पेड़ गिरने का प्रमुख कारण तेज हवा के साथ जड़ों के आसपास की मिट्टी का बह जाना और शहरीकरण भी एक कारण है.
- दिल्ली में बारिश के दौरान पेड़ों के उखड़ने की घटनाएं नियमित होती हैं, जिससे कई बार जानमाल का नुकसान होता है.
दिल्ली के कालकाजी में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ. इस हादसे में एक शख्स की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया. हादसा नीम के पेड़ के बाइक पर गिरने से हुआ. पेड़ के गिरने से सिर्फ बाइक सवार को ही नुकसान नहीं हुआ बल्कि वहां आसपास पड़ी दूसरी गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गई. चश्मदीदों ने बताया इलाके में लगातार हो रही बारिश के कारण पेड़ के आसपास की मिट्टी बह गई थी, इस वजह से पेड़ गिर गया. अब ऐसे में सवाल ये है कि दिल्ली में इस तरह के खौफनाक हादसों को क्या समय रहते टाला जा सकता है.
कई दशक पुराना था पेड़
कालकाजी में जिस पेड़ के गिरने से ये हादसा हुआ उसे काफी पुराना बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों को कहना है कि वो बीते 20 से ज्यादा सालों से इस पेड़ को देख रहे थे.अब ऐसे में सवाल ये है कि आखिर एकाएक ऐसा क्या हुआ कि इतना पुराना पेड़ एकाएक उखड़कर गिर गया. पेड़ों के रखरखाव पर काम करने वाली संस्था वृक्षित फाउंडेशन के अनुसार तेज हवाएं ही पेड़ों के गिरने का कारण नहीं होती हैं. इसके पीछे की एक बड़ी वजह जड़ों के आसपास खाली जगह के ना होना, अर्बल प्लानिंग और पेड़ों के रखरखाव की अनदेखी करना भी एक बड़ी वजह है. ये जानकारी इन्होंने अपने फेसबुक पेज पर साझा की है.
बारिश में पेड़ उखड़ने की घटना आम है
दिल्ली में बारिश या आंधी के आते पेड़ों के उखड़ने की कहानी कोई नई नहीं है. हर साल ऐसे दर्जनों पेड़ जड़ से उखड़ जाते हैं. कई बार तो पेड़ों को इस तरह से उखड़ने का नुकसान आम लोगों को भी होता है लेकिन इन पेड़ों को बचाने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.
इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है
दिल्ली में पेड़ के गिरने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इसी साल मई में दक्षिणी दिल्ली के शेख सराय में सर्वोदय एन्क्लेव में भी एक बड़ा पेड़ गिरा था. इस पेड़ की चपेट में कई वाहन आए थे. हालांकि, उस दौरान इसकी चपेट में आने से कोई हताहत नहीं हुआ था. इस तरह की कई और घटनाएं भी बाद में सामने आई थीं. इस साल सिर्फ मई में आए आंधी तूफान के कारण 350 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए या टूट गए.इसके बाद भी पेड़ों के गिरने का सिलसिला जारी है.
तीन साल पहले कोर्ट ने जारी किया था आदेश
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन साल पहले एक आदेश जारी किया था. उस आदेश में सभी नगर निगमों और सरकारी एजेंसियों को कहा था कि वे पेड़ों के लिए एंबुलेंस बनाए. कोर्ट ने इस योजना में डीडीए और पीडब्ल्यूडी जैसी एजेंसियों को भी शामिल किया था. कोर्ट ने कहा था कि पेड़ों को बचाने के लिए विशेषज्ञों का रखा जाए.