प्रगति मैदान लूट : एक दिन पहले पार्टी करना लुटेरों को पड़ा भारी, बाइक से मिला सुराग, पुलिस ने 7 को दबोचा

इस साजिश में आगे चलकर लोनी और बागपत के लड़कों को भी शामिल किया गया. ये लड़के चोरी की स्प्लेंडर और अपाचे बाइक लेकर आए. इसके बाद कई अन्य लड़कों को भी इस लूट की साजिश में शामिल किया गया. 

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प्रगति मैदान लूट मामले में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने बीते शनिवार को प्रगति मैदान के पास टनल में हुई लूट की वारदात को सुलझा लिया है. इस वारदात में शामिल सात आरोपियों को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार किया है जबकि गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों की तलाश अभी भी जारी है. पुलिस के अनुसार अगर वारदात के एक दिन पहले गिरोह का एक सदस्य गलती से गोली चलने की वजह से घायल नहीं होता तो शायद पुलिस इस मामले को इतनी जल्दी नहीं सुलझा पाती.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले की जांच के दौरान पता चला है कि इस वारदात को अंजाम देने से एक दिन पहले सभी आरोपी बुराड़ी में एक कमरे पर रुके थे. इस दौरान सभी ने एक साथ शराब पी और पार्टी की. इसी पार्टी के दौरान किसी साथी से गलती से गोली चल गई जो गिरोह के एक सदस्य को लग गई और वह घायल हो गया. इसके बाद गिरोह के कुछ सदस्य अपनी अपाचे बाइक से घायल को पास के अस्पताल लेकर गए थे. आरोपियों ने इसी अपाचे बाइक का इस्तेमाल अगले दिन लूटपाट के लिए भी किया. आरोपियों की यही एक गलती उनपर भारी पड़ी और पुलिस ने इस वारदात को सुलझाते हुए इस वारदात में शामिल ज्यादातर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले को बाद में क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है.

पुलिसकर्मी ने पहचानी अपाचे बाइक

लूटपाट की वारदात के सामने आने के बाद जब इस घटना को अंजाम देने के लिए जिन बाइक का इस्तेमाल किया गया था, उनकी तलाश शुरू हुई तो दिल्ली पुलिस के तमाम थानों में इन बाइक्स की डिटेल भेजी गई. लूटपाट में इस्तेमाल की गई बाइक का वीडियो देखकर बुराड़ी थाने के एक पुलिसकर्मी ने सबसे पहले अपाचे बाइक को पहचान लिया. ये वही बाइक थी जिससे एक दिन पहले आरोपी अपने घायल साथी को अस्पातल लेकर आए थे. बुराड़ी थाने का यह पुलिसकर्मी उस दौरान उसी अस्पताल में मौजूद था. इसके बाद पुलिस ने गिरोह के लिए काम करने वाले उस घायल शख्स से पूछताछ की तो उसने मान लिया कि प्रगित मैदान टनल लूट मामले को उसके ही साथियों ने अंजाम दिया है. 

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चोरी की बाइक से की गई थी लूट

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी, रविंद्र यादव ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमांइड प्रदीप है. जिसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इस लूट की साजिश रची. रविंद्र यादव ने बताया कि बुराड़ी में रहने वाला उस्मान नाम का लड़का चांदनी चौक में कुरियर बॉय का काम करता है. पहले वो अमेजन में डिलीवरी बॉय का काम करता था. उस्मान ने अपना कर्ज उतारने के लिए अपने चचेरे भाई इरफान के साथ मिलकर लूट की साजिश रची. इस साजिश में आगे चलकर लोनी और बागपत के लड़कों को भी शामिल किया गया. ये लड़के चोरी की स्प्लेंडर और अपाचे बाइक लेकर आए. इसके बाद कई अन्य लड़कों को भी इस लूट की साजिश में शामिल किया गया. 

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आरोपियों ने तीन दिन की थी रेकी 

रविंद्र यादव ने कहा कि हमारी जांच और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि इन लोगों ने वारदात को अंजाम देने से पहले तीन दिन तक चांदनी चौक में रेकी की थी. इसके बाद 24 जून को जिस दिन घटना को अंजाम दिया गया उस दिन जैसे ही लाल किले से पीड़ित ओला कैब से पैसे लेकर निकले तो उस्मान ने फौरन इसकी जानकारी बाकी लोगों को दी. 

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सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की हुई पहचान

लूटपाट की इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने घटनास्थल और उसके आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की. इस दौरान पुलिस की एक टीम को ये अपराधी मजनू का टीला इलाके के पास बाइक पर नजर आए. इसके बाद हरियाणा,  दिल्ली और यूपी के इलाकों में पुलिस ने अपनी छापेमारी शुरू की. जहां से भी बाद में गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. 

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