- एनएसयूआई ने डीयूएसयू चुनाव के लिए फीस वृद्धि रोकने और 12 दिन मासिक धर्म अवकाश सहित घोषणा पत्र जारी किया है.
- महिला घोषणा पत्र में उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कार्रवाई, 24×7 मदद और महिला सुरक्षा बढ़ाने के उपाय शामिल हैं.
- डीयूएसयू चुनाव 18 सितंबर को होगा, एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद के लिए जोश्लिन नंदिता चौधरी को उम्मीदवार बनाया है.
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डीयूएसयू) 2025 चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र और महिला घोषणा पत्र जारी किया. इसमें फीस वृद्धि रोकने, 12 दिन मासिक धर्म अवकाश, महिला सुरक्षा, कैंपस इंफ्रास्ट्रक्चर, छात्रवृत्ति, आरक्षण और काउंसलिंग सेंटर जैसी सुविधाओं के वादे किए गए हैं. वहीं महिला घोषणा पत्र में उत्पीड़न के खिलाफ सख़्त कार्रवाई, 24×7 मदद, महिला गार्ड, स्ट्रीट लाइटिंग, सीसीटीवी, वेंडिंग मशीन और मेडिकल-काउंसलिंग सेंटर जैसी पहलें शामिल हैं.
इस कार्यक्रम में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति (डीपीसीसी) अध्यक्ष देवेंद्र यादव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (एआईसीसी) राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक, डीयूएसयू अध्यक्ष रोनक खत्री सहित कांग्रेस और एनएसयूआई के अन्य नेता मौजूद थे.
डीयूएसयू घोषणा पत्र के मुख्य बिंदु (हम बदलेंगे थीम):
- शुल्क वृद्धि वापसी: उच्च शिक्षा वित्तीय प्राधिकरण (एचईएफए) को समाप्त किया जाएगा, समान शुल्क संरचना लागू होगी और सस्ती शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी.
- मासिक धर्म की 12 दिन की छुट्टी: सेमेस्टर में महिलाओं को स्वास्थ्य व भलाई के लिए 12 दिन की छुट्टी दी जाएगी.
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) का विरोध: शिक्षा के व्यवसायीकरण और निजीकरण का विरोध.
- समावेशी परिसर और विविधता: नफरत की विचारधारा से मुक्त सुरक्षित और लोकतांत्रिक स्थान.
- संरचना उन्नयन: स्मार्ट क्लासरूम, स्वच्छ शौचालय, मुफ्त वाई-फाई, बेहतर हॉस्टल सुविधाएं.
- परीक्षा पत्र लीक रोकथाम: निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली.
- लिंग संवेदनशीलता और मानसिक स्वास्थ्य: नियमित कार्यशालाएं और पूरी तरह कार्यरत परामर्श केंद्र.
- साफ-सुथरा और हरा-भरा परिसर: कचरा प्रबंधन और स्थिरता पहल.
- छात्रवृत्तियां और परिवहन: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग (एससी/एसटी/ओबीसी) छात्रों के लिए समय पर छात्रवृत्ति वितरण और किफायती परिवहन सुविधाएं.
- पुस्तकालय, हॉस्टल आरक्षण और हिंसा-रहित परिसर सुनिश्चित किया जाएगा.
महिला घोषणा पत्र के मुख्य बिंदु:
- मासिक धर्म की छुट्टी और स्वास्थ्य जागरुकता.
- उत्पीड़न के खिलाफ पूर्ण शून्य सहिष्णुता: कानूनी सहायता और 24X7 आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली.
- सुरक्षित और संरक्षित परिसर: अधिक महिला सुरक्षा कर्मी, उचित स्ट्रीट लाइटिंग, सिसीटीवी (वह वीडियो निगरानी प्रणाली) कवरेज, महिला-विशेष शौचालय.
- सशक्तीकरण पहल: कार्यरत आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) और लिंग संवेदनशीलता कार्यशालाएं.
- बेहतर संरचना: प्रत्येक कॉलेज में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन, चेंजिंग रूम और चिकित्सा-परामर्श केंद्र.
- यह दोहरा घोषणा पत्र एनएसयूआई की बदलाव की पुकार को दर्शाता है, छात्र हितों को डीयूएसयू राजनीति के केंद्र में रखते हुए, एक प्रगतिशील, समावेशी और छात्र-प्रथम एजेंडा को अपनाना.
इससे पहले एनएसयूआई ने डूसू चुनाव के लिए अपने केंद्रीय पैनल की भी घोषणा की थी. इस बार होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए छात्रा जोश्लिन नंदिता चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए राहुल झांसला, सचिव पद के लिए कबीर और सह सचिव पद के लिए लव कुश बधाना को अपना उम्मीदवार बनाया है.
एनएसयूआई का कहना है कि उनका चुनावी अभियान दिल्ली विश्वविद्यालय में असली परिवर्तन लाने के लिए है. यह अभियान उन जरूरी छात्र समस्याओं को उजागर करता है, जिन्हें वर्तमान शासन मंडल जानबूझकर नजरअंदाज कर रहा है. विश्वविद्यालय में बुनियादी संरचना की कमी, असुरक्षित परिसर, मासिक अवकाश की मांग, सामाजिक न्याय की लड़ाई और वे अयोग्य आरएसएस समर्थित शिक्षकों की नियुक्ति का विरोध करते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 18 सितंबर को होगा.