दिल्ली की एक अदालत ने दो साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में एक व्यक्ति को दोषी करार देते हुए 25 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. यह मामला 2021 का है. अदालत ने आरोपी व्यक्ति की यह दलील खारिज कर दी कि अपराध करते समय वह नशे की हालत में था.
अदालत ने कहा कि नशे की हालत में होना कोई सजा कम करने वाला कारक नहीं है, क्योंकि किसी ने उसे शराब पीने के लिए मजबूर नहीं किया था और उसने स्वेच्छा से शराब पी थी, वह भी 'मद्य निषेध दिवस' पर.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया 26 वर्षीय व्यक्ति के खिलाफ सजा पर दलीलें सुन रही थीं. इस व्यक्ति को पहले दुष्कर्म के दंडात्मक प्रावधान और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दोषी ठहराया गया था. विशेष लोक अभियोजक श्रवण कुमार बिश्नोई ने कहा कि दोषी इस जघन्य कृत्य के लिए किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है.
अदालत ने 31 जनवरी के अपने फैसले में कहा, ‘‘पॉक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत अपराध के लिए दोषी को 25 वर्ष सश्रम कारावास तथा 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है.''