चीन के पार्ट्स, नकली IMEI नंबर... करोल बाग के कारखाने में ऐसे तैयार हो रहे थे अवैध मोबाइल फोन

दिल्‍ली के करोग बाग में एक अवैध मोबाइल फोन का कारखाना चल रहा था. इस कारखाने में पुराने और नए मोबाइल फोन की बॉडी में चीन से मंगाए गए पार्ट को फिर कर दिया जाता था और तैयार मोबाइल को मार्केट में बेच दिया जाता था. इन मोबाइल पर IMEI नंबर भी अवैध होता था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • करोल बाग में पुलिस ने अवैध मोबाइल असेंबलिंग और IMEI नंबर बदलने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है
  • पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर 1826 मोबाइल फोन, लैपटॉप, सॉफ्टवेयर और हजारों मोबाइल पार्ट्स बरामद किए हैं
  • पुराने मोबाइल मदरबोर्ड स्क्रैप डीलरों से खरीदकर उन्हें नए बॉडी पार्ट्स में फिट कर IMEI नंबर बदल दिया जाता था
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

दिल्ली के करोल बाग इलाके में पुलिस ने एक ऐसी अवैध मोबाइल असेंबलिंग और आईएमईआई (IMEI) नंबर बदलने वाली फैक्ट्री का खुलासा किया है, जो पिछले दो साल से चोरी, लूट, साइबर फ्रॉड और अन्य अपराधों में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन तैयार कर रही थी. ऑपरेशन 'CYBERHAWK' के तहत की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने मौके से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 1826 तैयार और आधे-तैयार मोबाइल फोन, लैपटॉप, विशेष सॉफ्टवेयर, IMEI स्कैनर, हजारों मोबाइल बॉडी पार्ट्स और प्रिंटेड IMEI लेबल बरामद किए हैं. 

पुराने मोबाइल में फिट हो रहे थे नए बॉडी पार्ट्स में फिट

करोल बाग थाना पुलिस पिछले 15 दिनों से इलाके में चल रही संदिग्ध मोबाइल गतिविधियों पर नजर रख रही थी. पुलिस को लगातार इनपुट मिल रहे थे कि बीडनपुरा, गली नंबर 22 में एक बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर मोबाइल फोन असेंबलिंग और IMEI छेड़छाड़ का अवैध धंधा चल रहा है. इनपुट कंफर्म होने के बाद टीम को आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने और पूरे नेटवर्क को खत्म करने के निर्देश दिए गए. 20 नवंबर 2025 को टीम ने जानकारी के आधार पर आदित्‍य इलेक्‍ट्रोनिक्‍स एंड एक्‍सेसरीज नाम की जगह पर छापा मारा गया. यह यूनिट एक व्यावसायिक इमारत की चौथी मंज़िल पर स्थित थी. छापेमारी के दौरान पुलिस ने देखा कि पांच लोग पुराने मोबाइल मदरबोर्ड लेकर उन्हें नए बॉडी पार्ट्स में फिट कर रहे थे.

पुलिस ने जब छापेमारी की, तक अपराधी लैपटॉप में IMEI बदलने वाला सॉफ्टवेयर चला रहे थे. तैयार फोन की पैकिंग भी वहीं हो रही थी. गिरफ्तार आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं कि ये पुराने मोबाइल मदरबोर्ड स्क्रैप डीलरों से खरीदे जाते थे. दिल्ली और आसपास के स्क्रैप मार्केट से पुराने, क्षतिग्रस्त और चोरी के मोबाइल फोन सस्ते दामों में खरीदे जाते थे. नई मोबाइल बॉडी चीन से मंगाई जाती थी. पार्ट्स सप्लायर के जरिए हज़ारों मोबाइल बॉडी शिपमेंट के रूप में चीन से आते थे.

IMEI बदलकर "नया मोबाइल" बना दिया जाता

कुछ खास सॉफ्टवेयर  WRITEIMEI 0.2.2 / WRITEIMEI 2.0 की मदद से मोबाइल का असली IMEI नंबर बदलकर नकली IMEI डाल दिया जाता था. इसके बाद फोन की पैकिंग कर बाजारों में बेच दिया जाता था. ये फोन करोल बाग, गफ्फार मार्केट के अलावा दिल्ली–NCR के अन्य मोबाइल मार्केट में अलग-अलग चैनलों से बेचे जाते थे. ये फोन अपराधियों की पहली पसंद होते हैं, क्योंकि IMEI बदलने के बाद ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है.

छापेमारी में पुलिस को क्‍या-क्‍या मिला

1. 1826 मोबाइल फोन (स्मार्टफोन और कीपैड मॉडल)
2. IMEI बदलने में इस्तेमाल होने वाला लैपटॉप
3. WRITEIMEI 2.0 सॉफ्टवेयर
4. IMEI स्कैनर/रीडर मशीन
5. हजारों मोबाइल बॉडी पार्ट्स
6. हजारों नकली IMEI लेबल
7. मोबाइल असेंबलिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण


यूनिट बड़े पैमाने पर चल रही थी और हर महीने सैकड़ों नकली नए फोन बाजार में भेजे जा रहे थे. 

Advertisement

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

1. अशोक कुमार (45)- यूनिट का मालिक, निवासी ककरोला
2. रामनारायण (36) - निवासी तिलक नगर
3. धर्मेंद्र कुमार (35)- निवासी मोती नगर
4. दीपांशु (25)- निवासी मंडावली
5. दीपक (19)- निवासी ओल्ड महावीर नगर

पुलिस अब यह पता कर रही है कि मदरबोर्ड की सप्लाई कहां से होती थी? चीन से बॉडी पार्ट्स कौन मंगवा रहा था? तैयार फोन किन लोगों तक भेजे जाते थे? यह पूरी कार्रवाई DCP सेंट्रल, निधान वलसन  के नेतृत्व में की जा रही है.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- घर ले जाकर महिला को पिलाई शराब, फिर बेरहमी से पीटा, दिल्‍ली का दिल दहला देने वाला मामला

Featured Video Of The Day
Parliament Winter Session: Congress ने किया संसद में प्रदर्शन | National Herald Case | Rahul Gandhi
Topics mentioned in this article