- दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई, जिसमें टैक्सी ड्राइवर पंकज सैनी भी शामिल
- विस्फोट में मारे गए अशोक कुमार डीटीसी कंडक्टर थे और आठ सदस्यों वाले परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे
- शामली के नोमान भी विस्फोट में मारे गए, जो अपनी दुकान के लिए चांदनी चौक के थोक बाजार गए थे
दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस बम धमाके में 9 लोग मारे गए हैं. इन लोगों के परिवार इस धमाके की गूंज ताउम्र नहीं भुला पाएंगे. पंकज सैनी एक टैक्सी ड्राइवर था, जिसने सवारी को लाल किला पर ड्रॉप किया था. इस ब्लास्ट की चपेट में आ गया. अशोक आठ सदस्यों वाले परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था, लेकिन अब वो इस दुनिया में नहीं है.
बिहार का रहने वाला पंकज सैनी एक टैक्सी ड्राइवर था, जिन्होंने अभी-अभी चांदनी चौक पर एक यात्री को उतारा था. उत्तर प्रदेश के शामली के नोमान अपनी कॉस्मेटिक की दुकान के लिए सामान लेने इस इलाके में आए थे. डीटीसी में कंडक्टर अशोक कुमार एक बीमार शख्स से मिलने जा रहे थे. इन सब लोगों के लिए यह अन्य दिनों की तरह बस एक और दिन था, जब तक कि वहां धमाका नहीं हो गया. एक सफेद i20 कार, जिसे संभवतः एक आत्मघाती हमलावर चला रहा था, उसमें विस्फोट हुआ और 9 लोगों की मौत हो गई. 22 वर्षीय पंकज सैनी अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था. पंकज का शव लेने एलएनजेपी हॉस्पिटल आए पिता ने कहा, "मैं क्या कहूं... पंकज चांदनी चौक पर एक यात्री को उतार ही रहा था कि यह घटना घटी. हम सरकार से न्याय की मांग करते हैं, हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा."
अशोक भी आठ सदस्यों वाले परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. मूल रूप से अमरोहा का रहने वाला अशोक अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ दिल्ली के जगतपुर में रहता था. अशोक डीटीसी में कंडक्टर था और अमरोहा के ही लोकेश कुमार गुप्ता से मिलने आया था, तभी यह हादसा हो गया. विस्फोट के कुछ घंटों बाद, अशोक के चचेरे भाई ने मरनेवालों की लिस्ट में उसका नाम देखा. उसने कहा, "मैंने लिस्ट में उसका नाम पढ़ा और कहा- वह मेरा चचेरा भाई है. मैंने पुष्टि करने के लिए इधर-उधर फ़ोन किया. उसके पास एक बाइक भी थी, जो गायब है.'
लोकेश गुप्ता के एक रिश्तेदार ने बताया कि उसे चांदनी चौक में अशोक से मिलना था. बुज़ुर्ग ने बताया, "लोकेश कुमार गुप्ता मेरे रिश्तेदार हैं. हम सर गंगा राम अस्पताल से साथ-साथ निकले. लोकेश चांदनी चौक जाने वाली मेट्रो में सवार हो गया, जहां अशोक को उससे मिलना था."
पीड़ितों में शामली का नोमान भी शामिल है, जो अपनी दुकान के लिए ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीदने चांदनी चौक के थोक बाज़ार गया था. 22 वर्षीय नोमान की मौके पर ही मौत हो गई और उसका चचेरा भाई अमन घायल हो गया. नोमान के चाचा फुरकान ने कहा कि उनकी मौत ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है. उन्होंने कहा, "जो लोग मारे गए वे मेहनती लोग थे. हमने अपना बेटा खो दिया. सरकार को ऐसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए कि वे ऐसा कुछ करने की हिम्मत न करें."
लोक नायक अस्पताल के बाहर एक बुज़ुर्ग व्यक्ति चीखता हुआ दिखाई दिया. वह 34 वर्षीय अमर कटारिया के पिता हैं, जिनकी दवा की दुकान है और विस्फोट के समय वे घर लौट रहे थे. कटारिया की दुकान लाल किले से लगभग 600 मीटर दूर भागीरथ पैलेस में है और वे श्रीनिवासपुरी में रहते थे. विस्फोट इतना भीषण था कि कई शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. लोक नायक अस्पताल के बाहर एक भयानक सन्नाटा पसरा है, जिसे परिवार के सदस्य विलाप करते हुए तोड़ रहे हैं.
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