DUSU चुनाव में बूथ कैप्चरिंग? छात्र संघ अध्यक्ष ने दिल्ली पुलिस को भेजे लेटर में लगाए गंभीर आरोप

DUSU Election 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी में हो रहे छात्र संघ चुनाव में वोटिंग की स्‍पीड लगातार बढ़ रही है. दोपहर 2.30 बजे तक करीब 35 पर्सेंट वोटिंग हो चुकी थी. इस दौरान एक जगह ईवीएम में ग्लिच आया था, वो तुरंत ठीक कर लिया गया.

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DUSU चुनाव में वोटिंग आज... इन उम्मीदवारों के बीच कांटे का मुकाबला
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  • DUSU चुनाव में 2 शिफ्ट में ईवीएम से मतदान होगा, जिसमें 2.75 लाख से अधिक छात्र वोट देंगे.
  • इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ में 9 उम्मीदवार हैं, जिनमें 3 महिला प्रत्याशी भी हैं, जो रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं.
  • मुख्य मुकाबला ABVP और NSUI के बीच है, दोनों ने चार-चार उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं.
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नई दिल्‍ली:

DUSU Elections Voting : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 के लिए आज वोटिंग हो रही. वोटिंग 2 शिफ्ट में हो रही है और इस दौरान 20 उम्‍मीदवारों की किस्‍मत ईवीएम में कैद होगी. डूसू चुनाव युवा रणनीति की दिशा तय करते हैं. इन चुनावों ने देश को कई दिग्‍गज नेता दिये हैं. इसलिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए डूसू चुनाव बेहद मायने रखता है. डूसू चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के अलावा आइसा (AISA), एसएफआई (SFI) और कुछ अन्य छात्र संगठन भी मैदान में हैं.    

DUSU प्रेसिडेंट ने डीसीपी को लिखा लेटर

DUSU चुनाव को लेकर डीयू छात्र संघ के प्रेसिडेंट रौनक खत्री ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपने आरोपों को लेकर डीसीपी को लेटर लिखा है. रौनक खत्री ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी को लिखे लेटर में बूथ कैप्चरिंग, वोट टैंपरिंग जैसे तमाम आरोप लगाए हैं. बता दें कि रौनक खत्री NSUI से जुड़े हैं और अभी डीयू छात्र संघ के प्रेसिडेंट हैं.

NSUI का आरोप चुनाव किया जा रहा प्रभावित

डूसू चुनाव के बीच NSUI ने आरोप लगाया है कि दिल्‍ली यूनिवर्सिटी प्रशासन एबीवीपी के साथ मिलकर चुनाव प्रभावित कर रहा है. किरोड़ीमल और हंसराज कॉलेज में ईवीएम पर एबीवीपी की तरफ़ से अध्यक्ष उम्मीदवार आर्यन मान के नाम के आगे नीली स्याही लगाकर वोटर्स को प्रभावित करने का आरोप है. 

दिल्ली यूनिवर्सिटी में 10.30 बजे तक 20-25% वोटिंग

दिल्ली यूनिवर्सिटी में हो रहे छात्र संघ चुनाव में वोटिंग की स्‍पीड बढ़ लगातार रही है. सूत्रों के हवाले से खबर सुबह 8.30 बजे से 10.30 तक 20-25% वोटिंग हुई. इस दौरान एक जगह ईवीएम में ग्लिच आया था, वो तुरंत ठीक कर लिया गया. रामजस कॉलेज में 7 बूथ में से एक बूथ के ईवीएम में तकनीकी ग्लिच जो, आया उसे ठीक कर लिया गया. अभी तक वोटिंग शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से जारी है.

गर्मी के कारण वोटिंग के लिए कम आ रहे स्‍टूडेंट्स...

 
DUSU चुनाव 2025 के लिए ABVP से सचिव पद के उम्मीदवार कुणाल चौधरी को पूरी उम्‍मीद है कि वो इन चुनाव में जीत हासिल करेंगे. उन्‍होंने कहा, 'इस बार ABVP 4-0 से जीतेगी. छात्रों का पूरा समर्थन ABVP के पास आ रहा है. वोटिंग के लिए स्‍टूडेंट आ रहे हैं. हालांकि, गर्मी के कारण संख्‍या कम है. हमने वादा किया है कि केंपस में फ्री वाई-फाई की व्यवस्था की जाए. मेट्रो पास की मांग हम करेंगे.'

NSUI की अध्यक्ष पद प्रत्याशी जोसलिन की अपील

 
डूसू चुनाव 2025 के लिए मतदान जारी है. इस बीच NSUI से डूसू अध्यक्ष पद प्रत्याशी जोसलिन नंदिता चौधरी ने कहा, 'छात्रों से बहुत अच्छा समर्थन मिल रहा है. NSUI महिलाओं की भागीदारी पर जोर दे रहा है. मैं कैंपस में छात्रों की सुरक्षा और हॉस्टल की समस्या पर काम करना चाहती हूं.'

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क्‍या टूटेगा 17 साल पुराना रिकॉर्ड 

डूसू चुनाव में इस बार 17 साल पुराना रिकॉर्ड टूट सकता है. इस बार 9 प्रत्याशी अध्यक्ष पद की रेस में दौड़ रहे हैं. दो प्रमुख संगठनों ने महिला उम्मीदवारों पर दांव खेला है. सभी पार्टियों की बता करें, तो 3 महिला प्रत्याशी अध्यक्ष पद के लिए मैदान में होंगी. ऐसे में प्रबल संभावना है कि एक बार फिर 17 साल पुराना रिकॉर्ड टूट जाए. इससे पहले 2008 में नूपुर शर्मा अध्यक्ष बनीं थीं. 9 उम्मीदवार मैदान में हैं. अध्‍यक्ष पद के उम्‍मीदवारों अंजलि, अनुज कुमार, आर्यन मान, दिव्यांशु सिंह यादव, जोसलीन नंदिता चौधरी, राहुल कुमार, उमांशी, योगेश मीना और अभिषेक कुमार शामिल हैं. हालांकि, डूसू चुनाव में इस बार भी मुख्य मुकाबला एबीवीपी (ABVP) और एनएसयूआई (NSUI) के बीच ही देखने को मिल रहा है. इन दोनों प्रमुख छात्र संगठनों ने अपने चार-चार उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. 

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2 शिफ्ट में EVM से होगी वोटिंग  

देश के सबसे बड़े छात्र चुनावों में से एक माने जाने वाले डूसू चुनाव में 2.75 लाख से ज़्यादा छात्र वोट देने के पात्र हैं. इसके नतीजे तय करेंगे कि आने वाले साल में छात्रसंघ का नेतृत्व कौन करेगा. आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, मतदान शिफ्ट में होगा. मॉर्निंग क्‍लासेस वाले छात्रों के लिए सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक और इवनिंग  के स्‍टूडेंट्स के लिए दोपहर 3 बजे से शाम 7:30 बजे तक वोटिंग होगी. डूसू चुनाव के वोटों की गिनती 19 सितंबर को होगी यानि शुक्रवार को पता चल जाएगा कि बाजी किसने मारी है. 

कैसे होते हैं चुनाव? 

डूसू चुनाव के लिए 52 कॉलेज व केंद्रों में ईवीएम के लिए 195 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. बैलेट पेपर के लिए 780 बूथ बने हैं. सेंट्रल पैनल के लिए 700 ईवीएम का इस्‍तेमाल होगा. हर कॉलेज में छात्रों की संख्‍या के हिसाब से ईवीएम भेजी गई हैं. हर एक हजार छात्र पर लगभग 1 ईवीएम की व्‍यवस्‍था की गई हैं.

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NSUI के उम्मीदवार

  • अध्यक्ष: जोसलिन नंदिता चौधरी
  • उपाध्यक्ष: राहुल झांसल
  • सचिव: कबीर
  • संयुक्त सचिव: लवकुश भड़ाना

ABVP के उम्मीदवार

  • अध्यक्ष: आर्यन मान
  • उपाध्यक्ष: गोविंद तंवर
  • सचिव: कुणाल चौधरी
  • संयुक्त सचिव: दीपिका झा


सुरक्षा कड़ी, बॉडी वॉर्न कैमरों से लैस 600 पुलिसकर्मी तैनात

दिल्ली विश्वविद्यालय में डूसू चुनाव को लेकर माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है. छात्र संगठनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, और राजधानी का माहौल चुनावी रंग में रंगा हुआ है. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापक तैयारी की है. उत्तरी जिला डीसीपी राजा बांठिया ने बताया कि मतदान के दिन विश्वविद्यालय परिसर में कड़ी निगरानी रखी जाएगी. इसके लिए 600 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो बॉडी वॉर्न कैमरों से लैस होंगे.

छात्रों के व्‍हीकल पर रोक, कुछ सड़कें रहेंगी बंद


 साथ ही, परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन भी चुनावी गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे. पुलिस ने ट्रैफिक प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया है. मतदान के दिन कुछ रास्तों को डायवर्ट किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कुछ मार्गों को पूरी तरह बंद भी किया जा सकता है. खास तौर पर छात्र मार्ग को वाहनों के लिए बंद रखने की योजना बनाई गई है, ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो सके. डीसीपी ने बताया कि किसी भी तरह की अव्यवस्था को रोकने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी मतदान प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. कॉलेजों में मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट में छात्रों के लिए वोटिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि सभी छात्र अपने समय के अनुसार मतदान कर सकें.

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इलेक्‍शन कैंपेन के दौरान दिखा ये बदलाव 

डूसू चुनाव में इस बार दिल्‍ली हाई कोर्ट को भी दखल देना पड़ा, जिसका असर भी देखने को मिला. दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र संगठनों को कैंपस में पोस्टर, पर्चे और दीवारों पर लिखने से होने वाली गंदगी को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी. डूसू चुनाव के लिए प्रचार 17 सितंबर को सुबह 8 बजे समाप्त हो गया. इस साल प्रचार के दौरान सख्त पोस्टर रोधी नियमों के कारण कैंपस साफ-सुथरा नजर आया. पिछले वर्षों में नॉर्थ कैंपस की दीवारें पोस्टर और चुनावी नारों से भरी रहती थीं, लेकिन इस बार के चुनाव में साफ़ बदलाव देखने को मिला है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिंगदोह कमेटी के दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करते हुए परिसर को पोस्टरबाजी और दीवारों के खराब होने से बचाए रखा है. डूसू के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज किशोर शर्मा ने बताया, 'हमें खुशी है कि इस साल परिसरों में कोई विकृति नहीं दिखी, जो हमारी प्रमुख समस्या हुआ करती थी.' निर्वाचन समिति को 25 से ज़्यादा शिकायतें मिली हैं और सात केंद्रीय पैनल के उम्मीदवारों को नौ कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

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