दिल्ली में स्कूल फीस बिल के विरोध में पैरेंट्स के साथ AAP नेता ने उठाई आवाज, दिए कई सुझाव

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि जब कमेटी के पास न कोई चाटर्ड अकाउंटेंट है और ना कोई ऑडिटेट अकाउंट है तो प्राइवेट स्कूलों में फीस तय करने का फैसला कोई कमेटी कैसे करेगी?

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  • दिल्ली सरकार के स्कूल फीस बिल के विरोध में पैरेंट्स ने विधानसभा के पास प्रदर्शन किया.
  • आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने पैरेंट्स की मांगों का समर्थन करते हुए कई सुझाव दिए.
  • सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह बिल प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया जा रहा है.
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नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार के स्कूल फीस बिल के विरोध में मंगलवार को पैरेंट्स ने विधानसभा के पास प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रदर्शन में शामिल होकर पैरेंट्स की मांगों का समर्थन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन पैरेंट्स के लिए ये बिल लाया जा रहा है, उन्हीं से राय-मशवरा नहीं किया गया है. उन्होंने सभी स्कूलों का हर साल ऑडिट कराने समेत कई सुझाव भी दिए. 

स्कूल फीस बिल के खिलाफ पैरेंट्स ने दिल्ली विधानसभा के पास चंदगी राम अखाड़ा पर प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार से बिल को वापस लेने और शिक्षा मंत्री आशीष सूद से इस्तीफे की मांग की गई. पैरेंट्स ने मांग की कि सभी प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराया जाए. उन्होंने दावा किया इस नए कानून में स्कूलों के ऑडिट का कोई प्रावधान नहीं है. अगर स्कूल के खिलाफ शिकायत करनी होगी तो 15 फीसदी पैरेंट्स की मंजूरी की जरूरत पड़ेगी. 

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि जब कमेटी के पास न कोई चाटर्ड अकाउंटेंट है और ना कोई ऑडिटेट अकाउंट है तो प्राइवेट स्कूलों में फीस तय करने का फैसला कोई कमेटी कैसे करेगी? स्कूलों के टीचर कहेंगे कि हमारी सैलरी बढ़ानी है तो पैरेंट्स इसमें क्या करेंगे? इसका साधारण तरीका यह था कि दिल्ली के 1677 स्कूलों का सरकार हर साल ऑडिट कराए. ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक करे ताकि पता चल सके कि स्कूल को कितना फायदा या घाटा हुआ है. उसी के अनुसार फीस घटाई या बढ़ाई जाए. 

सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि इस बिल में कई कमेटियों का प्रावधान सिर्फ प्राइवेट स्कूल के मालिकों, धन्ना सेठों को फायदा देने के लिए किया गया है और यह मिडिल क्लास के खिलाफ है. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी ने स्कूल फीस बिल में संशोधन के कई कई सुझाव दिए हैं. जैसे कि प्राइवेट स्कूल के खिलाफ शिकायत करने के लिए 15 फीसदी पैरेंट्स की शर्त को हटाया जाना चाहिए. 

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