दिल्ली दंगा : मुस्लिम युवक मर्डर मामले में सात आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने तय किए आरोप

सबूतों के आधार पर के आधार कड़कड़डूमा कोर्ट कोर्ट ने एक आदेश  के तहत सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या और दंगा के आरोप तय किए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में एक मुस्लिम युवक की हत्या के मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. डीसीपी क्राइम राजेश देव के मुताबिक 25 फरवरी 2020 को जीटीबी अस्पताल से दयालपुर थाने में सूचना मिली कि एक अज्ञात व्यक्ति जी.टी.बी. अस्पताल में मृत घोषित कर दिया है, ये शख्स चांद बाग इलाके से गोली लगने के बाद घायल हो गया था. थाना दयालपुर में हत्या का केस दर्ज हुआ, मृतक की पहचान बाद में मोनिस के तौर पर हुई जो राज विहार कॉलोनी समयपुर बादली का रहने वाला था.

बाद में इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गयी, जहां उत्तर-पूर्वी जिले के दंगा मामलों की जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया था. जीटीबी अस्पताल में मृतक को लाने वाले व्यक्ति की पहचान और किसी चश्मदीद गवाह की पहचान करने के 25 फरवरी 2020 का शाम 4 से 8 बजे तक का सीसीटीवी फुटेज देखा गया, ये फुटेज मृतक के चाचा शब्बीर अली को दिखाए गए थे, जिन्होंने मृतक की पहचान अपने भतीजे मोनिस के रूप में की थी.

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जांच के दौरान पता चला कि मृतक मोनिस की आखिरी मोबाइल लोकेशन भगीरथ विहार, बृजपुरी, दिल्ली के आसपास की थी. मृतक के मोबाइल फोन पर आखिरी कॉल करने वाला उसका चचेरा भाई इब्राहिम था. जांच के दौरान उसने बताया कि मृतक अपने मामा के घर समयपुर बादली से मुस्तफाबाद आ रहा था और बातचीत के दौरान मोनिस ने बताया कि वह यमुना विहार, बस स्टैंड पहुंच गया है और बृजपुरी रोड से घर आ रहा है. इन सब तथ्यों से पता चलता है कि बृजपुरी होते हुए मुस्तफाबाद जाते समय मृतक मोनिस को दंगा करने वाली भीड़ ने पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की गई. घटना की सही जगह का पता लगाने और घटना के किसी चश्मदीद का पता लगाने के लिए मुख्य बृजपुरी रोड के आसपास रहने वाले व्यक्तियों का पता लगाया गया.

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इस दौरान, 30 मार्च 2020 को एक व्यक्ति ने बताया कि वारदात वाले दिन उसने देखा कि लाल टी शर्ट पहने एक लड़के पर भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा था. जोरदार पिटाई से वह गली नंबर 2, बृजपुरी के सामने पुलिस बैरिकेड्स के पास बेहोश हो गया. बृजपुरी टी प्वाइंट पर ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों ने उसे बचाया. उन्होंने घटनास्थान की भी पहचान की और तस्वीरों को देखकर मृतक की पहचान की पुष्टि की. उन्होंने यह भी बताया कि बृजपुरी के स्थानीय निवासी आशीष गोली, अरुण मुन्ना, अमन कश्यप, प्रदीप राय, देवेंद्र यादव भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे, जिसने मृतक पर हमला किया.

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दयालपुर थाने के रिकॉर्ड की जांच की गई और टी-प्वाइंट बृजपुरी में तैनात कर्मचारियों से घटना वाले दिन के बारे में पूछताछ की गई, और जीटीबी अस्पताल से प्राप्त वीडियो फुटेज के साथ कराया किया गया. उन सभी ने वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की सही पहचान उसी व्यक्ति के रूप में की, जिसे 25 फरवरी 2020 को बृजपुरी में दंगों के दौरान भीड़ ने पीटा था. उन्होंने भीड़ से लड़के को भी छुड़ाया था. लड़के का बहुत खून बह रहा था, इसलिए उन्होंने उसे तुरंत एक ऑटो में जीटीबी अस्पताल में भेज दिया था. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अपनी पिकेट ड्यूटी पर लौट आए. उत्तर-पूर्वी जिले की दिनांक 25 फरवरी 2020 की पीसीआर कॉलों की जांच के दौरान, एक कॉल करने वाले की पहचान की गई जिसने घटना को देखा और पीसीआर कॉल किया.

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जांच के बाद घटना में शामिल सात आरोपियों की पहचान हुई. मामले में आरोपी अमन कश्यप, अरुण मुन्ना, प्रदीप राय, आशीष गोली, देवेंद्र, कृष्णकांत और राहुल भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस की जांच और जांच टीम द्वारा इकठ्ठे सबूतों के आधार पर मामले में आरोप पत्र कोर्ट में दायर किया गया था. सबूतों के आधार पर के आधार कड़कड़डूमा कोर्ट कोर्ट ने एक आदेश  के तहत सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या और दंगा के आरोप तय किए हैं.

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