पकड़े गए दिल्ली पुलिस के बंटी बबली सब-इंस्पेक्टर, साइबर ठगी का पैसा लेकर हो गए थे फरार

वारदात के बाद दोनों फरार हो गए. जैसे ही धोखाधड़ी का पता चला, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. करीब चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद दोनों को इंदौर, मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में उनकी मदद करने वाले तीन अन्य लोगों मोहम्मद इलियास, आफि उर्फ मोनू और शादाब को दिल्ली से पकड़ा गया है.

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  • उत्तर पूर्वी दिल्ली के दो सब-इंस्पेक्टरों ने साइबर ठगी के तहत जब्त रकम अपने नाम हड़प ली थी
  • दोनों आरोपियों ने फर्जी शिकायतकर्ता बनाकर कोर्ट से अवैध रूप से दो करोड़ से अधिक की रकम छुड़ाई
  • आरोपियों को चार महीने की जांच के बाद मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया है
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नई दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली में तैनात दो सब-इंस्पेक्टरों को करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिस साइबर ठगी के मामले में एक सबइंस्पेक्टर जांच कर रहा था,वो पैसा पीड़ितों तक पहुंचाने की बजाय खुद ही लेकर अपनी सब इंस्पेक्टर प्रेमिका के साथ भाग गया. उत्तर-पूर्वी जिले में तैनात एसआई अंकुर मलिक और एसआई नेहा पुनिया ने साइबर ठगों की जांच के दौरान जब्त किए गए बैंक खातों में जमा करोड़ों रुपये की रकम को धोखाधड़ी से निकाल लिया और खुद हड़प ली.

वारदात के बाद दोनों फरार हो गए. जैसे ही धोखाधड़ी का पता चला, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. करीब चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद दोनों को इंदौर, मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में उनकी मदद करने वाले तीन अन्य लोगों मोहम्मद इलियास, आफि उर्फ मोनू और शादाब को दिल्ली से पकड़ा गया है.

2021 बैच के सब-इंस्पेक्टर अंकुर मलिक साइबर थाना, उत्तर-पूर्वी जिले में तैनात था. मार्च में वह सात दिन की मेडिकल छुट्टी पर गया, लेकिन फिर लौटकर नहीं आया. लगभग उसी समय, 2021 बैच की ही नेहा पुनिय, जो जीटीबी एंक्लेव थाने में तैनात थी, वह भी अचानक लापता हो गई. दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई. पुलिस जांच में सामने आया कि अंकुर ने फर्जी शिकायतकर्ताओं के नाम पर कोर्ट से ऑर्डर लेकर जब्त की गई करोड़ों की रकम छुड़वाई और यह रकम अपने जानकारों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी. कुल रकम दो करोड़ से ज्यादा थी.

टेक्निकल सर्विलांस के ज़रिए इंदौर में इनका पता चला. स्थानीय पुलिस की मदद से अरबिंदो अस्पताल, इंदौर से दोनों को पकड़ लिया गया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक करोड़ रुपये से ज्यादा का सोना, 12 लाख रुपये नकद, 11 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, तीन एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है। उन्होंने ठगी की रकम से सोना खरीद लिया था ताकि पैसे को आसानी से ठिकाने लगाया जा सके।

इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के आधार पर दिल्ली से इलियास, आरिफ और शादाब को भी गिरफ्तार किया, जिनके खातों में यह रकम ट्रांसफर की गई थी. जांच में पता चला है कि अंकुर और नेहा दोनों शादीशुदा हैं. अंकुर की पत्नी बड़ौत में रहती है और नेहा का पति दिल्ली के रोहिणी इलाके में रहता है. दोनों की दोस्ती पुलिस ट्रेनिंग के दौरान 2021 में हुई थी और वहीं से उन्होंने ठगी की योजना बनाई.

अंकुर को पता था कि जब्त की गई रकम पर कोई दावा नहीं करता, इसलिए उन्होंने कोर्ट से झूठे दस्तावेज लगाकर पैसा छुड़वाया और फिर फरार हो गए. इस रकम से वे गोवा, मनाली और कश्मीर जैसी जगहों पर घूमने भी गए. बाद में इंदौर पहुंचकर उन्होंने कैश के बदले सोना खरीद लिया ताकि ट्रैकिंग मुश्किल हो. इनकी योजना थी कि फर्जी आईडी बनवाकर मध्य प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में नया जीवन शुरू करेंगे. पुलिस अब उनसे पूछताछ कर रही है ताकि पता चल सके कि इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन शामिल था.

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