- दिल्ली में UPSC उम्मीदवार रामकेश मीणा की हत्या मामले में फोरेंसिक तकनीक से जांच को और मजबूत किया जा रहा है.
- पुलिस ने CCTV के आधार पर चाल विश्लेषण परीक्षण कराने के लिए गुजरात की फोरेंसिक यूनिवर्सिटी से संपर्क किया है.
- चाल विश्लेषण तकनीक से आरोपी की चलने की शैली का परीक्षण कर सीसीटीवी में दिखाए गए संदिग्ध से मिलान किया जाएगा.
दिल्ली के तिमारपुर इलाके में यूपीएससी उम्मीदवार रामकेश मीणा की हत्या के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने इस केस की जांच को और मजबूत बनाने के लिए अब एक खास तकनीकी कदम उठाने की तैयारी की है ‘चाल विश्लेषण परीक्षण' (Gait Analysis Test). दरअसल, इस केस की मास्टरमाइंड बताई जा रही अमृता चौहान खुद फोरेंसिक साइंस की छात्रा है. पुलिस का मानना है कि उसने अपनी पढ़ाई में सीखी हुई फोरेंसिक समझ और अपराधी की सोच को बारीकी से समझने की क्षमता का इस्तेमाल एक पर्फेक्ट मर्डर करने के लिए किया.
ये भी पढ़ें- नीले ड्रम वाली मुस्कान के मायके में क्यों लगा 'मकान बिकाऊ' वाला पोस्टर? जानें पिता का दर्द
20 साल की गर्लफ्रेंड पर हत्या का आरोप
6 अक्टूबर की रात अमृता ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपने बॉयफ्रेंड रामकेश की हत्या कर दी. रामकेश का जला हुआ शव उसके फ्लैट से बरामद हुआ था. शुरुआत में यह मामला आग लगने की घटना माना गया, लेकिन बाद में फोरेंसिक जांच में सच्चाई सामने आई. पुलिस के मुताबिक, हत्या के पीछे अमृता और रामकेश के बीच विवाद था. रामकेश के पास अमृता की निजी तस्वीरें और वीडियो थे, जिन्हें वह डिलीट करने को तैयार नहीं था. इसी को लेकर अमृता ने साजिश रची.जांच में सामने आया है कि तीनों आरोपी उस रात रामकेश के फ्लैट में दाखिल हुए.उन्होंने पहले उसे बुरी तरह पीटा और फिर गला घोंटकर मार डाला. इसके बाद अमृता ने अपने साथियों को बताया कि लाश को कैसे जलाना है, ताकि यह हादसा लगे.
फ्लैट में बॉयफ्रेंड को जिंदा जलाया
उन्होंने रामकेश के शरीर पर घी, तेल और शराब डालकर आग लगा दी, और गैस सिलेंडर का नॉब खोल दिया ताकि आग तेजी से फैले. फ्लैट से निकलते वक्त उन्होंने दरवाजे की जाली हटाकर अंदर से ताला लगाने का नाटक किया,ताकि लगे कि कोई जबरन अंदर नहीं आया.
पुलिस का कहना है कि अमृता का फोरेंसिक साइंस का ज्ञान और क्राइम वेब सीरीज़ के प्रति दीवानगी उसे इस वारदात तक ले आई. वह जानती थी कि सबूत कैसे मिटाने हैं, जांच को कैसे गुमराह करना है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने पूरी कहानी पलट दी. फुटेज में दो नकाबपोश लोग 5-6 अक्टूबर की रात इमारत में दाखिल होते दिखे और करीब 39 मिनट बाद एक बाहर निकलता नजर आए.
इस खास टेस्ट से खुलेगा हत्या का राज?
अब पुलिस इस केस में ‘Gait Analysis Test' यानी चाल विश्लेषण कराने जा रही है. इसके लिए गुजरात की नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी से संपर्क किया गया है.इस टेस्ट के जरिए सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति की चलने की स्टाइल और पैटर्न को आरोपियों की चाल से मिलाया जाएगा, ताकि यह साबित किया जा सके कि वही लोग वारदात की रात वहां मौजूद थे.
क्या होता है ‘चाल विश्लेषण'?
यह फोरेंसिक तकनीक किसी व्यक्ति की चलने की आदत और बॉडी मूवमेंट का अध्ययन करती है. हर इंसान की चाल में कुछ अलग पहचान होती है जैसे कदमों की लंबाई, झुकाव, लय और शरीर का संतुलन.इससे सीसीटीवी में कैद किसी व्यक्ति की पहचान संदिग्धों से मिलाई जाती है.पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर चाल परीक्षण रिपोर्ट आरोपियों से मेल खाती है, तो यह केस में एक मजबूत सबूत बन सकता है और अमृता की सावधानी से रची गई चालाकी को पूरी तरह बेनकाब कर देगा.














