दिल्ली पुलिस के डॉग स्क्वॉड (K-9 यूनिट) को मिला अपना आधिकारिक प्रतीक चिन्ह

दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड साल 1967 में बनाया गया था और ये क्राइम ब्रांच के अधीन काम करता है. इस यूनिट में शामिल डॉग्स को खास ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वो क्राइम सीन पर सबूत तलाशने, विस्फोटक या नशीले पदार्थ पकड़ने और सुरक्षा से जुड़ी अहम ड्यूटीज में मदद कर सकें.

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  • दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड सन साठ में स्थापित हुआ था और यह क्राइम ब्रांच के अधीन कार्य करता है
  • डॉग स्क्वॉड के कुत्ते अपराध स्थल से सुराग खोजने और विस्फोटक तथा नशीले पदार्थ पकड़ने में प्रशिक्षित होते हैं
  • K-9 यूनिट दिल्ली के दस प्रमुख इलाकों में तैनात है और बाजार, मॉल व सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा करता है
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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस के डॉग स्क्वॉड यानी K-9 यूनिट को अब अपना आधिकारिक एम्बलम मिल गया है. राजधानी की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाली इस यूनिट का प्रतीक चिन्ह आज दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा, IPS ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में एक खास समारोह के दौरान जारी किया. इस मौके पर क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

 डॉग स्क्वॉड की शुरुआत और जिम्मेदारी

दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड साल 1967 में बनाया गया था और ये क्राइम ब्रांच के अधीन काम करता है. इस यूनिट में शामिल डॉग्स को खास ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वो क्राइम सीन पर सबूत तलाशने, विस्फोटक या नशीले पदार्थ पकड़ने और सुरक्षा से जुड़ी अहम ड्यूटीज में मदद कर सकें.

  • ट्रैकर डॉग्स – अपराध स्थल से सुराग ढूंढने और चोर-संदिग्ध तक पहुंचने में मदद करते हैं. 
  • एक्सप्लोसिव डिटेक्शन डॉग्स – वीवीआईपी/VIP रूट्स, पब्लिक इवेंट्स और संवेदनशील जगहों पर विस्फोटक की पहचान करने में मदद करते हैं.
  • नार्कोटिक्स डिटेक्शन डॉग्स – घरों, गाड़ियों, बैग या संदिग्ध व्यक्तियों से नशीले पदार्थ पकड़ने का काम करते हैं.

डॉग स्क्वॉड कहां-कहां तैनात

अभी K-9 यूनिट दिल्ली में 10 जगहों से ऑपरेट करती है, जिनमें मॉडल टाउन, चाणक्यपुरी, कल्याणपुरी, दरियागंज, सब्ज़ी मंडी, मौर्या एन्क्लेव, आरके पुरम, द्वारका, जनकपुरी और पुष्प विहार शामिल हैं. ये डॉग्स और उनके हैंडलर्स बाज़ारों, मॉल्स, ट्रांसपोर्ट हब्स और बड़े आयोजनों में लगातार गश्त और चेकिंग करते हैं. स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और विदेशी मेहमानों के दौरे जैसे हाई-प्रोफाइल इवेंट्स में भी इनकी तैनाती होती है.

डॉग स्क्वॉड के डॉग्स और हैंडलर्स को लगातार ट्रेनिंग दी जाती है. इसके लिए वो NSG, BSF, CRPF और दिल्ली पुलिस अकादमी जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर ट्रेनिंग लेते हैं.

नए प्रतीक चिन्ह का महत्व

आज जारी हुआ नया एम्बलम K-9 यूनिट की एलीट और समर्पित पहचान को दर्शाता है. अब ये प्रतीक चिन्ह यूनिट के यूनिफॉर्म, जैकेट और गियर पर लगाया जाएगा.

स्पेशल सीपी (क्राइम ब्रांच) देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि डॉग स्क्वॉड दिल्ली की सुरक्षा में रीढ़ की हड्डी की तरह काम कर रहा है और नए प्रतीक चिन्ह से यूनिट का मनोबल और बढ़ेगा.

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