दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में आज से छह नवंबर तक एंटी डस्ट अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत अब निर्माण स्थलों पर नियम उल्लंघन होने पर 10 हजार से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा. गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सर्दी के मौसम में दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 30 सितंबर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है, जिसके आधार पर संबंधित विभागों ने इसे जमीन पर लागू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है. हमने ग्रीन वॉर रूम लॉन्च किया है, जहां से इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि एंटी डस्ट कैंपेन के लिए 586 टीमों का गठन किया है, जिसमें 12 संबंधित विभागों की टीम शामिल है. इसमें डीपीसीसी की 33 टीम, राजस्व विभाग की 165 टीम, एमसीडी की 300 टीम डीएसआईआईडीसी की 20 टीम, दिल्ली जल बोर्ड की 14 टीम, डीडीए की 33 टीम, दिल्ली मेट्रो की 3 टीम, सीपीडब्लूडी की 6 टीम, पीडब्लूडी की 6 टीम, एनडीएमसी की 1 टीम, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड की 4 टीम और एनएचएआई की 1 टीम शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि यह टीम लगातार निर्माण साइट्स का दौरा करेगी. यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन हो. निर्माण साइट्स पर 14 सूत्रीय नियमों को लागू करना जरूरी है जिसके लिए एंटी डस्टअभियान शुरू किया गया है जो कि 06 नवंबर तक चलेगा. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जो भी साइट्स डस्ट कंट्रोल के नियम का पालन नहीं करेगा. उसपर कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी.
कंस्ट्रक्शन साइट हो सकती है बंद
कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम के उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 हजार से 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा. दोबारा उल्लंघन मिलने पर उससे अधिक रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा. अगर ज्यादा उलंघन होगा तो कंस्ट्रक्शन साइट को बंद कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 500 वर्ग मीटर और उस से ऊपर के सभी निर्माण/विध्वंस वाले प्रोजेक्ट सीएंडडी पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है. बिना रजिस्ट्रेशन के कार्य करने की अनुमति नहीं मिलेगी. साथ ही साथ पीयूसी चेकिंग और वॉटर स्प्रिंक्लिंग के अभियान की मॉनिटरिंग को तरीके से दिल्ली में लागू किया गया है.
उल्लंघन मिले तो मोबाइल ऐप पर करें शिकायत
पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली के लोगों से भी धूल प्रदूषण की रोकथाम में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को अपने आसपास निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण होता और नियमों का पालन नहीं होता हुआ दिखे तो वह उसकी फोटो खींचकर ग्रीन दिल्ली मोबाइल ऐप पर अपलोड कर सकता है. इसकी जांच करके कार्रवाई की जाएगी.