दिल्ली सरकार के पूर्व लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने FIR दर्ज की है. यह मामला 571 करोड़ रुपये की लागत से दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की परियोजना में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि इस परियोजना में देरी के कारण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को सत्येंद्र जैन ने 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर माफ किया था.
यह मामला सितंबर 2019 में सामने आया था, जब BEL के एक कर्मचारी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने अपने विक्रेताओं के जरिए जैन को 7 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी ताकि 16 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ किया जा सके. इसके बाद, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने जांच शुरू की और सबूतों के आधार पर जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया.
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजने के सतर्कता निदेशालय के प्रस्ताव पर सहमति जताई है ताकि ACB द्वारा जैन के खिलाफ जांच की मंजूरी मिल सके. गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन को मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था, और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने फरवरी 2023 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.