दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने रूस का फर्जी वीजा बनाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह दोनों कोलकाता से गिरफ्तार किए गए हैं और इनके पास से भारी मात्रा में पासपोर्ट और फर्जी वीज़ा बरामद किए गए हैं. आरोपियों के पास से 83 पासपोर्ट बरामद हुए हैं जिनमें से 10 पासपोर्ट नेपाली हैं. इसके अलावा इनके पास से रूस के 15 फ़र्ज़ी वीज़ा भी बरामद हुए हैं, फ़र्ज़ी वीजा की चार रशियन स्टैंप भी बरामद की गई हैं. वीजा पर लगने वाले सैकड़ों मोनोग्राम भी इन आरोपियों के कब्जे से मिले हैं.
फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनाकर लोगों को विदेश भेजने वाले दो एजेंट गिरफ्तार
दरअसल,बिहार के चंपारण के रहने वाले ओमप्रकाश ने चाणक्यपुरी पुलिस पुलिस स्टेशन ने कंप्लेंट की थी कि 2020 में उसने रशियन एंबेसी का दौरा किया था और रूस जाने के लिए वीजा चाहता था. जहां उसकी मुलाकात संजीव अरोड़ा नाम शख्स से हुई. संजीव अरोड़ा ने ओमप्रकाश को ₹25000 में रूस का वीजा देने का झांसा दिया. ओमप्रकाश ने संजीव अरोड़ा को ₹25000 का भुगतान भी कर दिया. भुगतान होने के बाद संजीव अरोड़ा ने ओमप्रकाश से ₹12000 और भुगतान करने के लिए कहा.
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यही नहीं, संजीव अरोड़ा ने टिकट और बुकिंग के लिए ₹28000 और मांगे, जिसका ओमप्रकाश के भुगतान कर दिया लेकिन इसके बावजूद भी उसको वीजा नहीं मिला. जिसके बाद ओमप्रकाश ने बेस्टल कंपनी का दौरा किया, जहां उसकी मुलाकात चारु शर्मा से हुई. चारु ने ओमप्रकाश को रूस के वीज़ा की फोटोकॉपी दी. ओमप्रकाश को इस वीज़ा पर शक हुआ, लिहाजा उसने रूस की एंबेसी में इसकी जांच करने का फैसला किया रूस की एंबेसी से पता चला कि वीजा की यह फोटोकॉपी सरासर फर्जी है जिसके बाद ओमप्रकाश ने चाणक्यपुरी थाने में फर्जीवाड़े की रिपोर्ट लिखवाई.दिल्ली पुलिस ने आरोपी संजीव अरोड़ा और नंदकिशोर को कोलकाता से गिरफ्तार किया है.