दिल्ली सरकार ने मोटर वाहन एग्रीगेटर योजना को किया अधिसूचित

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक परिवहन को अपनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
नई दिल्ली:

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता योजना, 2023 को अधिसूचित कर दिया है. इसके साथ ही दिल्ली में सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सियों के परिवहन का रास्ता साफ हो गया है.

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक परिवहन को अपनाने का लक्ष्य रखा गया है.

गहलोत ने कहा कि सरकार ने ऐप-आधारित कैब एग्रीगेटर्स के ''बढ़ता हुए मूल्य निर्धारण'' को लागू करने के पर कोई फैसला नहीं किया है. लेकिन इस बारे में लोगों से शिकायतें मिलने पर नियम बनाए जाएंगे.

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में पहली बार एग्रीगेटर दिशानिर्देशों के तहत इन परिचालकों के लिए चरणबद्ध विद्युतीकरण लक्ष्य को स्पष्ट किया गया है.

उन्होंने कहा कि पहली बार शहर में बाइक टैक्सियों को चलाने की अनुमति दी जा रही है.

उन्होंने कहा कि यह योजना दिल्लीवासियों की सार्वजनिक सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक कदम है और इसमें वाहन की सफाई, चालक के व्यवहार और ग्राहकों की शिकायतों के समय पर समाधान पर दिशानिर्देश शामिल हैं.

यह योजना दिल्ली के भीतर संचालित एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं या ई-कॉमर्स संस्थाओं पर लागू होती है. यह उन लोगों को कवर करेगी, जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन (दुपहिया, तिपहिया और चार पहिया) हैं और जो अपनी सेवाओं के लिए उपभोक्ताओं से जुड़ने को ऐप या वेब पोर्टल जैसे डिजिटल मध्यस्थ का उपयोग करते हैं.

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इसके तहत सिर्फ इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को ही बाइक टैक्सी के रूप में चलाया जा सकता है. प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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