- दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए नवंबर और दिसंबर में क्लाउड सीडिंग से कृत्रिम बारिश कराई जाएगी.
- कृत्रिम बारिश आईआईटी कानपुर की देखरेख में होगी और Cessna विमान से रासायनिक छिड़काव किया जाएगा.
- क्लाउड सीडिंग तकनीक में विमान से सिल्वर आयोडाइड या सूखी बर्फ जैसे केमिकल का छिड़काव होता है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए अब आर्टिफिशियल बारिश का सहारा लिया जाएगा. क्लाउड सीडिंग की परमिशन नागर विमानन मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को दे दी है.नवंबर और दिसंबर में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी. खास बात यह है कि ये ट्रायल आईआईटी कानपुर की देखरेख में किया जाएगा. वहीं क्लाउड सीडिंग के लिए Cessna विमान का इस्तेमाल होगा. यह विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से उड़ान भरकर उत्तरी दिल्ली के ऊपर रासायनिक छिड़काव करेगा.
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कृत्रिम बारिश से फायदा क्या है और कितना खर्च आयेगा?
दिल्ली में कृत्रिम बारिश करने के लिए रेखा गुप्ता सरकार इस योजना पर करीब 3.21 करोड़ खर्च करने जा रही है. इसका मकसद शहर की हवा की गुणवत्ता में सुधार करना है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जुलाई में ट्रायल के दौरान कहा था कि कृत्रिम बारिश का फायदा उस समय ज्यादा मिलेगा, जब दिल्ली में प्रदूषण ज्यादा होता है.उन्होंने कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम बारिश को लेकर पूर्व सीएम केजरीवाल ने भी कभी कुछ नहीं किया.
कैसे होती है आर्टिफिशियल बारिश?
आर्टिफिशल बारिश को क्लाउड सीडिंग टेक्नोलॉजी से कराया जाता है, इसमें विमान या ड्रोन से बादलों में सिल्वर आयोडाइड, नमक या सूखी बर्फ जैसे केमिकल का छिड़काव होता है. ये कण बादलों में नमी को अर्टेक्ट करते हैं और बर्फ के क्रिस्टल की तरह काम करते हैं. इससे ही पानी की बूंदें बनती हैं या बर्फ के कण बनते हैं. बूंदें भारी होने के बाद बारिश के रूप में जमीन पर गिरने लगती हैं.
पहले कहां हुई आर्टिफिशियल बारिश?
दिल्ली ऐसी कोई पहली जगह नहीं हैं, जहां पर आर्टिफिशियल बारिश कराई जा रही है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यह तकनीक अमेरिका,चीन जापान और यूएई जैसे दुनिया के कई देशों में सूखे से निपटने और प्रदूषण कम करने के लिए इस्तेमाल की जाती है.साल 2008 में बीजिंग ने आर्टिफिशियल बारिश करवाई थी, क्यों कि उनको डर था कि ओलंपिक के दौरान बारिश खेल न बिगाड़ दे. इसलिए चीन ने पहले ही वेदर मोडिफिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर कृत्रिम बारिश करवा दी थी.