- दिल्ली के करोल बाग में 30 लाख रुपये मूल्य के मोबाइल फोन चोरी का मामला पुलिस ने 18 घंटे में सुलझाया दिया है.
- पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से चोरी के 376 मोबाइल और एक ई-रिक्शा बरामद किया गया है.
- व्यापारी ने 385 मोबाइल करोल बाग से खरीदे और उन्हें कुरियर से बिहार भेजा, लेकिन बीच में ही ये पार कर लिए गए.
दिल्ली में पुलिस ने 30 लाख रुपये की मोबाइल फोन चोरी का मामला सिर्फ 18 घंटे में सुलझा लिया. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से चोरी के 376 मोबाइल फोन और एक ई-रिक्शा बरामद किया गया. बिहार के सीवान जिले का रहने वाला एक मोबाइल व्यापारी करोल बाग के थोक बाजार से 385 मोबाइल फोन खरीदे और उसने यह फोन एक कुरियर कंपनी के जरिए भेजे. हालांकि जब पार्सल बिहार पहुंचा और खोला गया तो उसमें मोबाइल की जगह सिर्फ गत्ते और बेकार कागज निकले.
शिकायत मिलते ही करोल बाग थाना पुलिस की टीम बनाई गई. सैकड़ों CCTV फुटेज खंगाले गए और गुप्त सूत्रों को भी लगाया गया. जांच में पता चला कि पार्सल कुरियर ड्राइवर अभिषेक सिंह और उसके भाई विकस सिंह ने ही रास्ते में बदल दिए थे.
चार नकली पार्सलों से दिया अंजाम
पूछताछ में सामने आया कि विकस ई-रिक्शा चलाता है. उसने अपने भाई अभिषेक और दोस्त किशन चौहान के साथ मिलकर चोरी की योजना बनाई. इन्होंने चार नकली पार्सल बनाए, जिनमें सिर्फ कचरा भरा था. 31 अगस्त को झंडेवालान इलाके में मौके का फायदा उठाकर असली मोबाइल फोन वाले पार्सल अपने ई-रिक्शा में भर लिए और नकली पार्सल कुरियर वाहन में डाल दिए.
पुलिस ने बरामद किए मोबाइल
376 मोबाइल फोन को इन्होंने छह डिब्बों में पैक कर छिपा दिया. इनमें से 9 मोबाइल किशन उठा ले गया, बाकी सभी पुलिस ने बरामद कर लिए. बाद में किशन और उसके साथी चेतन झा को भी पुलिस ने दबोच लिया.
कड़ी मेहनत से बेनकाब की साजिश
डीसीपी सेंट्रल निधिन वालसन ने बताया कि कुरियर स्टाफ की साजिश और पार्सल स्वैपिंग की इस चालाकी को पुलिस ने कड़ी मेहनत और तेजी से की गई कार्रवाई के बाद बेनकाब कर दिया. बाकी चोरी हुए मोबाइल की बरामदगी के लिए भी छापेमारी जारी है.