12 ड्रग्स माफियाओं की गिरफ्तारी, भारी मात्रा में नशीला पदार्थ जब्त, पढ़ें दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन की हर एक बात

बीते एक सप्ताह में पुलिस ने इस इलाके में सर्चिंग के दौरान बड़ी मात्रा में स्मैक और गांजा बरामद किया है. अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई संदिग्धों पर पुलिस की कड़ी नजर है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक इस इलाके से नशे का कारोबार पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता.

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पुलिस ने भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किए.
नई दिल्ली:

दिल्ली का सदर बाजार अपने व्यस्त व्यापारिक माहौल के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बीच यहां बसी प्रियदर्शिनी कॉलोनी पिछले कई वर्षों से नशेड़ियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गई थी. जहां हर तरह के मादक पदार्थ खुलेआम बेचे जाते थे. गांजा, स्मैक, चरस, ब्राउन शुगर जैसे घातक ड्रग्स यहां आसानी से उपलब्ध थे. स्थिति इतनी गंभीर थी कि यहां छोटे-छोटे बच्चों को ड्रग्स की पुड़िया थमा दी जाती थी और वे सड़कों पर आवाजें लगाकर इन्हें बेचते थे. इस गोरखधंधे में पुरुष, महिलाएं और बच्चे तक शामिल थे. पुलिस की नाक के नीचे यह गैर-कानूनी कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था, और कानून-व्यवस्था बेबस नजर आ रही थी.

एक्शन में आई पुलिस

चार महीने पहले जिले में नए डीसीपी राज बांठिया के आने के बाद पुलिस ने इस कॉलोनी में नशे के कारोबार के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू किए. अचानक पुलिस की सक्रियता बढ़ी, और जगह-जगह छापेमारी होने लगी. नशा बेचने और खरीदने वालों को धर-दबोचा गया. इस कार्रवाई से घबराकर करीब 150 ड्रग्स माफिया अपने घरों में ताला लगाकर फरार हो गए.

हालांकि, हाल के दिनों में फिर से इस इलाके में नशे के कारोबार के संकेत मिलने लगे थे. इसे देखते हुए पुलिस ने दोबारा प्रियदर्शिनी कॉलोनी में सख्त अभियान छेड़ दिया है. हर रोज कांबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जिसमें पुलिस हर घर की तलाशी ले रही है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है.

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भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद

पुलिस के इस सख्त अभियान का असर दिखने लगा है. बीते एक सप्ताह में पुलिस ने सर्चिंग के दौरान बड़ी मात्रा में स्मैक और गांजा बरामद किया है. अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई संदिग्धों पर पुलिस की कड़ी निगरानी बनी हुई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक इस इलाके से नशे का कारोबार पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता.

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कैसे बना प्रियदर्शिनी कॉलोनी ड्रग्स का गढ़?

करीब 60 साल पहले इस कॉलोनी को मेहनतकश मजदूरों के लिए बनाया गया था. यहां कामगार रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह इलाका ड्रग माफियाओं के शिकंजे में फंस गया. नशे के सौदागरों ने इसे अपने धंधे का हब बना लिया और देखते ही देखते यह दिल्ली-एनसीआर के ड्रग्स बाजार में सबसे कुख्यात जगह बन गई.

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इस कॉलोनी में लगभग 300 घर हैं, जिनमें से कई में ड्रग्स की तस्करी होती रही. स्थिति इतनी बिगड़ चुकी थी कि पुलिस भी इस इलाके में जाने से हिचकती थी. कई बार पुलिसकर्मियों पर हमले तक किए गए थे, जिससे यह इलाका अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया था.

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नशे के खिलाफ जंग जारी, पुलिस का कड़ा संदेश

दिल्ली पुलिस अब इस इलाके से नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. कांबिंग ऑपरेशन लगातार जारी है और पुलिस पूरी सख्ती से इसे आगे बढ़ा रही है. पुलिस अधिकारियों ने साफ किया है कि अब किसी भी हाल में इस इलाके को फिर से नशे का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा.

यह कार्रवाई सिर्फ पुलिस के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए भी एक सबक है कि नशे के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना जरूरी है. जब तक इस अवैध कारोबार को जड़ से समाप्त नहीं किया जाएगा, तब तक हमारे भविष्य, हमारे बच्चों का सुरक्षित रहना मुश्किल होगा.

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