नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की हवा अब बदल चुकी है. चारों तरफ धुआं ही धुआं, जहरीली हवाओं में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. CM अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बाहर होने की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो सके. उपराज्यपाल ने दोहराया कि दिल्ली में प्रदूषण के हालात काफी चिंताजनक है और उन्होंने लगातार बढ़ते एक्यूआई स्तर पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की.
बैठक में निम्नलिखित अंतरिम उपाय किए जाने को लेकर निर्णय लिए गए:
- सरकार के सभी विभागों/एजेंसियों को अपने कार्यक्षेत्र से बढ़कर अपनी गतिविधियों में प्रदूषण में कमी लाने को प्राथमिकता देनी चाहिए.
- पर्यावरण विभाग लोगों के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा और बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहेगा.
- लोगों से अपील की जाए कि वे जहां तक संभव हो घर के अंदर रहें, बेवजह यात्रा करने से बचें और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, जिससे सड़कों पर यातायात कम हो और उत्सर्जन और धूल प्रदूषण भी कम हो.
- GRAP के संबंध में CAQM उपायों को जमीन पर सख्ती से लागू किया जाएगा, जिसका अनुपालन सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
- यदि आवश्यक हो तो सभी मैकेनाइज्ड रोड स्वीपर, वॉटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन (स्टेटिक, मोबाइल और ऊंची इमारतों पर) का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए, यहां तक कि डबल शिफ्ट में भी.
- स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि अस्पतालों में सभी सुविधाएं शहर के किसी भी निवासी, जिसे इसकी जरूरत हो, के लिए हमेशा तैयार रहें.
- पराली जलाए जाने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब, जहां पर 01.11.2023 को पराली जलाने की कुल 2684 घटनाओं में से 1921 (71.57 प्रतिशत) हुईं, के किसानों को फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाने की अपील करने का निर्णय लिया गया, जिससे प्रभावित क्षेत्र में धुएं में कमी की जा सकेगी. पंजाब के अलावा हरियाणा में पराली जलाने के 99, उत्तर प्रदेश में 95 और राजस्थान में 60 मामले सामने आए.
- उपराज्यपाल ने एक दीर्घकालिक स्थायी कार्य योजना बनाने की जरूरत दोहराई, जिसे मौजूदा आपातकाल समाप्त होने के बाद ईमानदारी से लागू किया जाए.
LG से डायरेक्शन जारी करने का निवेदन किया है कि सीनियर अधिकारी पर्यावरण विभाग की मीटिंग ज्वॉइन करें और सक्रिय रहे. इसके अलावा डीपीसीसी के चेयरमैन द्वारा स्मॉग टॉवर और रियल टाइम सोर्स स्टडी सेंटर को बंद करने के मामले में कार्रवाई की मांग की है. सभी अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है कि वह सरकार का बॉयकॉट ना करें. क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा क़ानून लाने के बाद सारे अधिकारी निष्क्रिय हों गए हैं. अगर अधिकारी ही निष्क्रिय रहेंगे तो इंप्लीमेंटेशन एक बड़ा चैलेंज होगा.