दिल्ली मेट्रो तेरे कितने रंग? DMRC को आखिर क्यों आया लाइनों को रंगों में बांटने का ख्याल, जानें

सस्ते किराए और ट्रैफिक से निजात पाने के लिए हम में से ज्यादातर लोग हर दिन मेट्रो में सफर करते हैं. सफर को सुविधाजनक बनाने वाली दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) को रंगों से क्यों पहचाना जाता है, यहां जानें.

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रंगों में क्यों बंटी है दिल्ली मेट्रो.
नई दिल्ली:

दिल्ली मेट्रो की रेड, ब्लू और येलो लाइनों के बारे में तो सभी ने सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि मेट्रो की गोल्डन लाइन (Delhi Metro Golden Line) भी शुरू होने जा रही है. 7 जून, शनिवार से गोल्डन लाइन पर काम आगे बढ़ने जा रहा है. आज तुगलकाबाद साइट पर टनल बोरिंग मशीन TBM मशीन से काम शुरू हो रहा है. इस लाइन से तुगलकाबाद से दिल्ली एयरोसिटी मेट्रो स्टेशन तक कनेक्टिविटी मिलेगी. गोल्डन लाइन के विस्तार के बाद दिल्ली मेट्रो दिसंबर 2025 तक दुनिया का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क न जाएगा. मेट्रो के एक और रंग, गोल्डन रंग की बात सामने आने के बाद दिल्ली मेट्रो कितने रंग की है, ये हर कोई जानना चाहेगा, क्यों कि ये बात शायद सबको न पता हो. इसके हर कलर कोड की अपनी एक कहानी है, जो आपको विस्तार से बताते हैं.  

दिल्ली में है कितने रंगों की मेट्रो?

दिल्ली मेट्रो फिलहाल कुल 9 रंगों में बंटी हुई है.  मेट्रो 9 रूट के अलावा एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर भी जाती है. कई नए रूट्स पर अभी मेट्रो का कामकाज चल रहा है, जिनमें गोल्डन लाइन भी शामिल है.  उसके बाद कलर कोड और बढ़ जाएंगे. दिल्ली की पहली मे्ट्रो लाइन रेड कलर की थी, जो कि रिठाला से गाजियाबाद के शहीद स्थल तक जाती है. इस लाइन पर 29 स्टेशन हैं. वहीं बात अगर येलो लाइन की करें तो यह दिल्ली के समयपुर बादली से गुरुग्राम के हुडा सिटी सेंटर मेट्रो को जोड़ती है. वहीं ब्लू लाइन नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी को  द्वारका सेक्टर 21 से कनेक्ट करती है. वहीं लाइन 4 के जरिए वैशाली को यमुना बैंक से जोड़ती है. ब्लू लाइन मेट्रो कुल 58 स्टेशनों को कवर करती है.

दिल्ली मेट्रो की ग्रीन लाइन 5 इंद्रलोक से ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशन तक चलती है. वहीं एयरपोर्ट लाइन मेट्रो रूट नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ता है. मैजेंटा लाइन जनकपुरी पश्चिम से नोएडा में बॉटनिकल गार्डन स्टेशन को जोड़ती है.वहीं ग्रे लाइन हाल ही में दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में शामिल हुई है.

  1. रेड लाइन- रिठाला- शहीद स्थल तक
  2. ग्रीन लाइन- इंद्रलोक-ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशन तक
  3. येलो लाइन- समयपुर बादली-गुड़गांव का हुडा सिटी सेंटर तक
  4. ब्लू लाइन - नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी- द्वारका सेक्टर 21 और वैशाली-यमुना बैंक तक
  5. मैजेंटा लाइन - जनकपुरी पश्चिम- बॉटनिकल गार्डन तक
  6. ऑरेंज लाइन - नई दिल्ली रेलवे स्टेशन- द्वारका सेक्टर 21 तक
  7. पिंक लाइन - मजलिस पार्क- शिव विहार तक
  8. वायलेट लाइन- कश्मीरी गेट- राजा नाहर सिंह वल्लभगढ़
  9. ग्रे लाइन- द्वारका- ढांसा बस स्टैंड तक
  10. गोल्डन लाइन पर काम शुरू हो रहा है

अब दिल्ली मेट्रो में एक और नई यानी कि गोल्डन लाइन भी जुड़ने जा रही है, जिसका काम शुरू हो गया है. इसके पूरे होने के बाद 10 रंग की मेट्रो हो जाएंगी. 

मेट्रो के हर रंग की क्या है कहानी ?

दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले हर शख्स के मन में कभी न कभी ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर मेट्रो रूट्स का नाम रंगों पर ही क्यों रखा गया है. वजह यह है कि मेट्रो ने सेवाएं देने से पहले हर कैटेगरी के लोगों ध्यान में रखा था. जो लोग पढ़े-लिखे नहीं है, वह भी मेट्रो के रूट को कलर कोड से आसानी से समझ सकते हैं. यही वजह है कि DMRC ने हर लाइन को अलग-अलग रंग से पहचान दी है अब कोई भी यात्री अपनी लाइन की मेट्रो को रंग देखकर पहचान सकता है. 

दिल्ली मेट्रो दिसंबर 2025 तक होगा दुनिया का सबसे लंबा मेट्रो नेटवर्क

बता दें कि दिल्ली मेट्रो दिसंबर 2025 तक दुनिया का सबसे लंबा मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा, यह नेटवर्क अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर को भी पीछे छोड़ देगा. बता दें कि न्यूयॉर्क में 399 किमी. लंबा मेट्रो सिस्टम है. दिल्ली मेट्रो अब एक नया वैश्विक रिकॉर्ड बनाने की राह पर है.  

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