प्रदूषण से मिलेगी राहत, दिल्ली में पार्क से लेकर पेट्रोल पंप तक में एयर प्यूरीफायर लगाने की तैयारी में सरकार

सरकार नेहरू पार्क में ‘क्लीन एयर ज़ोन’ बनाने पर विचार कर रही है. ताकि लोग बढ़े हुए AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) वाले दिनों में भी सुबह की सैर कर सकें.

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दिल्ली का नेहरू पार्क बनेगा ‘क्लीन एयर ज़ोन’
नई दिल्ली:

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और PWD मंत्री व क्षेत्रीय विधायक प्रवेश साहिब सिंह ने नेहरू पार्क का दौरा किया. उन्होंने यहां ‘क्लीन एयर ज़ोन' बनाने की संभावना पर विचार किया. यह पहल दिल्ली का पहला ‘क्लीन एयर ज़ोन' बनने की दिशा में एक शुरुआती अध्ययन का हिस्सा है. 85 एकड़ में फैले इस पार्क को पायलट साइट के रूप में देखा जा रहा है, जहां 150 एडवांस एयर प्यूरीफायर लगाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है. इन मशीनों को पहले ISBT, पेट्रोल पंपों और अन्य स्थानों पर टेस्ट किया गया है, जहां इन्होंने सीमित क्षेत्र में PM2.5 स्तर को घटाने में अच्छे नतीजे दिए.

प्रदूषण से मिलेगी राहत

निरीक्षण के दौरान पर्यावरण विभाग, NDMC और PWD के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. मंत्रीगण ने मॉर्निंग वॉक पर आए लोगों से बातचीत भी की, जिससे फीडबैक लेकर इस प्रस्ताव को बेहतर बनाया जा सके. इस अध्ययन का उद्देश्य यह जानना है कि क्या यह तकनीक बड़े पार्कों में AQI को स्थायी रूप से कम कर सकती है और क्या इससे आम लोगों को सुरक्षित वातावरण मिल सकता है.

प्रत्येक प्रस्तावित मशीन लगभग 9 फीट ऊंची होती है और एडवांस्ड फ़िल्ट्रेशन तकनीक का उपयोग करती है जो हवा से हानिकारक PM2.5 कणों को निकालती है. यदि भविष्य में यह परियोजना लागू होती है तो यह पार्क के उपयोगकर्ताओं को साल दर साल स्वच्छ हवा दे सकती है. लेकिन इसकी तैनाती पूरी तरह अध्ययन के नतीजों पर निर्भर करेगी. सरकार फिलहाल इस तकनीक की वास्तविक परिस्थितियों में फिजिबिलिटी की जांच कर रही है. अगर यह प्रभावी और व्यावहारिक साबित होती है, तो Connaught Place, खान मार्केट और अन्य स्थानों में भी इसी तरह के ज़ोन बनाने पर विचार होगा. इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के माध्यम स किया जाएगा ताकि सरकार पर आर्थिक बोझ न आए.

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अगर यह अध्ययन सफल रहा, तो नेहरू पार्क में बना यह ‘क्लीन एयर ज़ोन' दिल्ली के अन्य शहरी क्षेत्रों जैसे पार्क, स्कूल, बाज़ार और रिहायशी इलाकों में भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक नई मिसाल बन सकता है.

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  • सरकार नेहरू पार्क में ‘क्लीन एयर ज़ोन' बनाने पर विचार कर रही है ताकि लोग बढ़े हुए AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) वाले दिनों में भी सुबह की सैर कर सकें; इस पर अभी साइंटिफिक स्टडी जारी.
  • आईएसबीटी, बाज़ारों और पेट्रोल पंपों पर पहले परीक्षण किए गए हाई कैपेसिटी एयर प्यूरिफायर ने अच्छे परिणाम दिए हैं; इसी तरह की मशीनों के उपयोग पर सरकार कर रही है विचार.
  • हर मशीन 400–600 वर्ग मीटर तक PM2.5 प्रदूषकों को फ़िल्टर कर सकती है; सफल होने पर संबंधित क्षेत्रों में AQI लगभग 50% तक कम हो सकता है.
  • कनॉट प्लेस, खान मार्केट और अन्य व्यस्त क्षेत्रों को भविष्य में CSR मॉडल के तहत विस्तार के लिए शामिल किया जा सकता.
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