दिल्ली में अपहरण और लूट की झूठी कहानी का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार; सोना हड़पने की थी साजिश

पुलिस का कहना है कि मंटू ने पूरी योजना खुद रची और पुलिस को गुमराह किया. अब चारों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है और आगे की पूछताछ जारी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
आरोपी ने एक असली पुलिसवाले को भी पहचान कर उसे फंसाने की कोशिश की.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • ठेकेदार ने सोना हड़पने के लिए खुद का अपहरण और लूट की झूठी कहानी गढ़ी।
  • पुलिस ने जांच के बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें ठेकेदार भी शामिल है।
  • सोने-चांदी के जेवरात, बाइक और वारदात के कपड़े बरामद किए गए हैं।
  • आसपास के CCTV फुटेज ने आरोपियों की पहचान में मदद की।
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दक्षिण-पूर्वी जिले की गोविंदपुरी पुलिस और एंटी-रॉबरी सेल की संयुक्त टीम ने एक बेहद चौंकाने वाली साजिश का खुलासा किया है. एक ठेकेदार ने सोना हड़पने के लिए खुद के अपहरण और पुलिस बनकर आए बदमाशों द्वारा लूट की झूठी कहानी गढ़ी थी. जांच के बाद पुलिस ने शिकायतकर्ता समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है और सोने-चांदी के जेवरात, बाइक और वारदात के दौरान पहने गए कपड़े बरामद किए हैं. 26 और 27 जून की रात गोविंदपुरी थाने में PCR कॉल आई थी. शिकायतकर्ता मंटू मंडल ने बताया कि दो लोग बाइक से उसके घर आए, खुद को पुलिसवाला बताया, सोना लूटा और उसे अगवा कर एक किलोमीटर दूर छोड़कर भाग गए. इस बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई.

पुलिस टीम ने घटनास्थल और आसपास के इलाके के CCTV फुटेज खंगाले. फुटेज में दो लोग मंटू के घर जाते दिखे और करीब छह मिनट बाद मंटू के साथ निकलते नजर आए. इसके आधार पर राज कुमार, सरफराज और राजू उर्फ यूसुफ को गिरफ्तार किया गया.

पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ

मंटू मंडल पेशे से ठेकेदार है. करीब एक महीने पहले उसने काम के दौरान लाजपत नगर में एक अलमारी ली थी. 25 जून को उसने वो अलमारी कबाड़ी को बेच दी. कबाड़ी को अलमारी के लॉकर में सोना मिला, जिसे उसने मंटू को लौटा दिया, लेकिन असली मालिक जीतेन्द्र को इसकी जानकारी दे दी. इसके बाद मंटू ने अपने दोस्त राजू के साथ मिलकर सोना हड़पने की योजना बनाई. राजू ने दो लड़कों को मंटू के घर भेजा, जहां मंटू ने खुद ही उन्हें सोना सौंपा और एक फोटो खिंचवाई ताकि कहानी को लूट जैसा दिखाया जा सके. खास बात यह रही कि उस रात मंटू ने किसी भी तरह की मदद या पुलिस को कोई कॉल नहीं की.

Advertisement

जब असली मालिक जीतेन्द्र ने मंटू से सोने की वापसी के लिए दबाव बनाया, तो मंटू ने एक झूठी लूट और अपहरण की कहानी बनाकर पुलिस में केस दर्ज करा दिया. इतना ही नहीं, उसने एक असली पुलिसवाले को भी पहचान कर उसे फंसाने की कोशिश की.

Advertisement

चारों आरोपी गिरफ्तार

1. राज कुमार (39) – निवासी मीतापुर, कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं.

2. सरफराज (43) – निवासी जैतपुर, कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं.

3. राजू उर्फ यूसुफ (38) – निवासी फरीदाबाद, कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं.

4. मंटू मंडल (42) – निवासी तुगलकाबाद, कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं.

Featured Video Of The Day
Top Headlines: Himachal Pradesh Flood | Weather Update | Etawah Yadav vs Brahmin | Kolkata Rape Case