मयूर विहार इलाके के लोगों ने NDTV से बयां किया दर्द, बोले- बदबूदार और गंदे पानी से पड़ रहे बीमार

राजधानी दिल्ली के मयूर विहार फेज-1 पॉकेट-2 के लोग गंदे पानी की समस्या से परेशान हैं. सप्लाई में गंदा पानी आने से यहां रह रहे कई लोग पेट की बीमारियों से जूझ रहे हैं.

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गंदा पानी आने से लोगों को मजबूरी में पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है.

राजधानी दिल्ली के मयूर विहार फेज़-1 पॉकेट-2 में पानी पीने के लायक नहीं रह गया है. यहां के निवासियों को बीते एक साल से नलों से गंदा, बदबूदार और कभी-कभी सीवर से मिला काला पानी मिल रहा है. हालात इतने खराब हैं कि कई परिवारों में बच्चे, बुज़ुर्ग और महिलाएं पेट की बीमारियों से जूझ रहे हैं. 89 साल अमृतलाल ने बताया, “हर सुबह 10 मिनट तक गंदा काला पानी आता है, जिसमें बबलिंग होती है. पोते को अक्सर पेट में इंफेक्शन के कारण ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ती है. कई बार शिकायत की, मीटिंग हुईं, अफसर आए, विधायक आए, लेकिन कुछ नहीं बदला. मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी भेजी गई है.”

मजबूरी में खरीदना पड़ रहा पानी

किरण, विजय और आशा जैसे कई निवासी कहते हैं कि अब मजबूरी में हर दिन पानी खरीदना पड़ रहा है. कुछ लोग अक्टूबर से लगातार पानी ख़रीद कर पी रहे हैं. विजय कहते हैं, “यह बिल्कुल सीवर जैसा पानी है. मेरी बेटी को लूज़ मोशन की दिक्कत है.”

RWA और डॉक्टर की भी पुष्टि

स्थानीय RWA प्रेसिडेंट प्रदीप जोशी बताते हैं कि 90% परिवारों में यही समस्या है. आरडब्ल्यूए सदस्य बताते हैं कि जल बोर्ड को कई बार लिखित में शिकायत दी गई है, लेकिन सीवर और पीने के पानी की पाइपलाइनें पास-पास होने के कारण हो सकता है सीवर का पानी इसलिए मिल रहा है. पानी की लैब टेस्ट रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है.

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डॉ. माधवी, जो इलाके में प्रैक्टिस करती हैं, बताती हैं कि “पिछले कुछ महीनों में पानी से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है.”

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जल बोर्ड और विधायक का दावा- 15 दिन में हल

दिल्ली जल बोर्ड की टीम ने इलाके में सफाई का काम शुरू किया है. स्थानीय विधायक रविकांत (भाजपा, त्रिलोकपुरी) का कहना है, “मुझे विधायक बने ज़्यादा वक्त नहीं हुआ है. जल बोर्ड ने आश्वासन दिया है कि 15 दिन में यह समस्या हल हो जाएगी। मैं खुद इस पर नज़र बनाए हुए हूं.”

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कब मिलेगा राहत?

हालांकि स्थानीय लोगों को इंतज़ार है कि कब उनकी रसोई में साफ पानी लौटेगा. जब तक ये वादे ज़मीनी हकीकत नहीं बनते, तब तक हर दिन उनके लिए एक नई जंग से कम नहीं.

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