दिल्ली में कुछ दिन पहले हुई रिकॉर्डतोड़ बारिश और पहाड़ी राज्यों में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से राजधानी में यमुना का जलस्तर खतरे के निशाना को पार कर चुका है. ऐसे में प्रशासन ने एहतियात बरते हुए यमुना किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने का निर्देश दिया था. बुधवार को यमुना का जलस्तर 207.14 मीटर को पार कर चुका है. प्रशासन के निर्देश के बाद ये लोग अपने घरों को छोड़कर पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में फ्लाईओवर के नीचे रहने और यमुना के जलस्तर में गिरावट का इंतजार करने को मजबूर है. NDTV ने इन लोगों से बात की और जानने की कोशिश की कि आखिर यमुना का जलदस्तर बढ़ने की वजह से घर छोड़ने के बाद उन्हें किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
"हमारे पास ना खाना और ना ही पानी"
फ्लाईओवर के नीचे रहने वाली एक महिला ने एनडीटीवी से कहा कि हमारे पास ना तो खाने का कुछ है और ना ही पीने का. पानी सिर्फ सुबह आता है और हमारे बच्चे भूखे हैं. एक अन्य शख्स ने बताया कि हम अपने घर को छोड़कर तो यहां आ गए हैं लेकिन हमारे पास ना तो खाने का कुछ है और ना ही पीने का. हम बस यहां बैठकर दिन बिताने को मजबूर हैं.
"अगले कुछ दिनों में और होगी बारिश"
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में और भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. राष्ट्रीय राजधानी में, यमुना का जल स्तर, जो सोमवार को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था, जो मंगलवार सुबह 206.24 तक पहुंच गया. हरियाणा ने हथिनीकुंड बैराज से नदी में एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
"कुछ दिन पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुकी है यमुना"
अधिकारियों ने कहा था कि यमुना नदी उम्मीद से पहले खतरे के निशान को पार कर गई है. अनुमान लगाया गया था कि मंगलवार दोपहर तक ही यह खतरे के निशान को पार कर जायेगा. अधिकारियों ने बाढ़ की आशंका वाले निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है. उन्हें शहर के विभिन्न हिस्सों में राहत शिविरों और सामुदायिक केंद्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को शहर में बारिश के कारण हुए जलभराव और यमुना के बढ़ते जल स्तर पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी. विशेषज्ञों द्वारा की गई भविष्यवाणियों का हवाला देते हुए, केजरीवाल ने कहा था, "दिल्ली में बाढ़ की संभावना नहीं है."