दिल्ली : वायु प्रदूषण से बचाव को लेकर मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय मंत्री यादव को लिखा पत्र, मिलने का मांगा वक्त

कम तापमान और हवा की गति जैसे प्रतिकूल मौसम संबंधी कारकों के कारण दिल्ली और पड़ोसी क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता अक्टूबर में खराब होने लगती है. दिवाली पर पटाखों से होने वाले उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से हालात और खराब हो जाते हैं.

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पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से हालात और खराब हो जाते हैं.
नई दिल्ली:

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को शुक्रवार को एक पत्र लिखकर उनसे सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करने के लिए मिलने का समय मांगा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों को स्वच्छ आबोहवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और अल्पकालिक व दीर्घकालिक उपायों पर काम कर रही है. इन उपायों को गर्मियों और सर्दियों के लिए कार्य योजनाओं के माध्यम से लागू किया जा रहा है. 

राय ने कहा कि दिल्ली सरकार के प्रयासों से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के ‘संतोषजनक' (51 से 100) और ‘मध्यम' (101 से 200) श्रेणी में दिन बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि गत दो वर्ष की तरह दिल्ली सरकार ने इस बार भी वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक शीतकालीन कार्य योजना तैयार की है.

केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में दिल्ली को वायु प्रदूषण के संभावित खतरे से बचाने के लिए एक योजना तैयार करने के वास्ते हम आपसे समय देने का अनुरोध करते हैं.''

राय ने पिछले साल भी यादव को कई पत्र लिखे थे, जिसमें वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया था. हालांकि इन पत्रों का उन्हें कोई जवाब नहीं मिला था. दिल्ली की शीतकालीन कार्य योजना पराली प्रबंधन, धूल प्रदूषण, वाहनों से निकलने वाले धुएं, खुले में कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण आदि समस्याओं से निपटने पर केंद्रित है.

शहर में सरकार ने सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर भी एक जनवरी तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार पिछले दो साल से ऐसा करती आ रही है. कम तापमान और हवा की गति जैसे प्रतिकूल मौसम संबंधी कारकों के कारण दिल्ली और पड़ोसी क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता अक्टूबर में खराब होने लगती है. दिवाली पर पटाखों से होने वाले उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से हालात और खराब हो जाते हैं.

पिछले दो वर्षों की तरह दिल्ली की सरकार भी बासमती और गैर-बासमती धान के खेतों में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव करेगी ताकि पराली को सड़ने में सहयोग किया जा सके, इससे खेत में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकेगी. 

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