दिल्ली के कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी की बात कही. (फाइल फोटो)
देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में संक्रमितों की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है. COVID-19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी डरा रहा है. इस बीच कई राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें भी उपचार के साधनों में नाकामी की गवाही दे रही हैं. दिल्ली के कई अस्पतालों ने ऑक्सीजन की कमी की बात कही. दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने केंद्र से मदद मांगी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ा दिया है. दिल्ली को अब 378 मेट्रिक टन रोजाना से बढ़ाकर 480 मेट्रिक टन रोजाना ऑक्सीजन दी जाएगी. केंद्र की ओर से दिल्ली सरकार को इसकी सूचना दी गई है.
केंद्र सरकार ने बढ़ाया दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा, 10 बड़ी बातें
- दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने ऑक्सीजन की कमी का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से मदद मांगी थी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ा दिया. दिल्ली को अब रोजाना 378 मेट्रिक टन रोजाना से बढ़ाकर 480 मेट्रिक टन ऑक्सीजन दी जाएगी. केंद्र की ओर से केजरीवाल सरकार को इसकी सूचना दी गई है.
- दिल्ली को किन जगहों से 480 मेट्रिक टन ऑक्सीजन हर रोज मिलेगी, वह हैं- हरियाणा के पानीपत स्थित एयर लिक्विड से 140 मेट्रिक टन. हिमाचल प्रदेश के आईनॉक्स बरोतीवाला से 20 मेट्रिक टन, ओडिशा के लिंडे राउरकेला से 40 मेट्रिक टन, लिंडे कलीगानगर टाटा से 30 मेट्रिक टन, हरियाणा के भिवाड़ी स्थित आईनॉक्स से 20 मेट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी.
- उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित गोयल एमजी गैसेज़ से 30 मेट्रिक टन, सूरजपुर के आईनॉक्स से 35 मेट्रिक टन, मोदीनगर के आईनॉक्स से 30 मेट्रिक टन, उत्तराखंड के इंडिया ग्लायकोल्स लिमिटेड से 30 मेट्रिक टन ऑक्सीजन दिल्ली को दी जाएगी.
- उत्तराखंड के लिंडे सेलाकी से 55 मेट्रिक टन, रूड़की के एयर लिक्विड से 20 मेट्रिक टन और पश्चिम बंगाल के लिंडे सेल डीजीपी से 30 मेट्रिक टन ऑक्सीजन हर रोज दिल्ली को मुहैया कराई जाएगी.
- दिल्ली सरकार ने मौजूदा हालातों को देखते हुए केंद्र से रोजाना 700 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी. आम आदमी पार्टी के एक नेता ने कहा कि हम केंद्र की मदद का स्वागत करते हैं लेकिन बढ़ाई हुई ऑक्सीजन से भी ज्यादा गैस की जरूरत है.
- दिल्ली के 6 अस्पतालों में आज (बुधवार) शाम ऑक्सीजन का संकट गहरा गया. इन अस्पतालों में करीब 2000 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. दिल्ली सरकार ने राज्यों से मदद मांगी कि रास्ते के ब्लॉक होने की वजह से रुके ऑक्सीजन टैंकरों को रास्ता दिलाने में मदद करें.
- दिल्ली के सेंट स्टीफन्स अस्पताल, होली फैमिली अस्पताल, सर इरेने अस्पताल, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल ने बताया कि उनके पास अगले कुछ घंटे की ऑक्सीजन बची है. मैक्स अस्पताल ने भी बताया कि उनके दो अस्पतालों (शालीमार बाग और पटपड़गंज स्थित अस्पताल) में दो से तीन घंटे की ऑक्सीजन बची है.
- दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऑक्सीजन टैंकरों को राजधानी में भिजवाने के लिए राज्य सरकारों से सहयोग की अपील की. उन्होंने कहा कि हर राज्य का ऑक्सीजन कोटा केंद्र सरकार द्वारा तय है और कोई भी राज्य दूसरे के हिस्से की ऑक्सीजन को ब्लॉक नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि अस्पताल ऑक्सीजन टैंकरों का पीछा नहीं कर सकते. उनका काम मरीजों पर ध्यान देना है.
- बताते चलें कि मंगलवार को दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों में कुछ ही घंटों का ऑक्सीजन बचा होने की खबर से हड़कंप मच गया. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर बताया था कि GTB अस्पताल में महज चार घंटे का ऑक्सीजन बचा है.
- दिल्ली के मैक्स अस्पताल और गंगाराम अस्पताल ने भी ऑक्सीजन की कमी की जानकारी दी. जानकारी मिलने के कुछ घंटों बाद तीनों अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया कराई गई.
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