'मेरे लिए गर्व का क्षण' : अब दिल्ली की सड़कों पर DTC बसें दौड़ाएंगी महिलाएं, 11 को मिला नियुक्ति पत्र

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 11 महिला चालकों को मंगलवार को निुयक्ति पत्र सौंपे. 

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नई दिल्ली:

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की नवनियुक्त महिला चालकों का कहना है कि महिलाओं की अधिक भागीदारी से सार्वजनिक परिवहन अधिक सुरक्षित बनेंगे. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 11 महिला चालकों को मंगलवार को निुयक्ति पत्र सौंपे. 

इनमें से एक किरण (23) ने कहा कि वह शहर की सड़कों पर गाड़ी चलाने को लेकर उत्सुक हैं. किरण ने कहा, ‘यह मेरे लिए गर्व का क्षण है कि मैं दिल्ली में गाड़ी चलाऊंगी, हालांकि मुझे मार्गों से परिचित होने में कम से कम दो दिन लगेंगे.'

महिलाओं के बेहतर चालक ना होने की धारणा पर उन्होंने कहा, ‘अगर उन्हें अवसर दिए जाएं, तो महिलाएं इस तरह की धारणा को गलत साबित करेंगी. महिलाओं की अधिक भागीदारी से सार्वजनिक परिवहन महिलाओं के लिए यात्रा का पसंदीदा साधन बन जाएगा.'

किरण ने पहले कभी चार पहिया वाहन नहीं चलाया था. उन्होंने फरवरी में बस चालक के रूप में प्रशिक्षण हासिल करने के लिए आवेदन किया था और अब वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि वह बस अच्छे से चला पाएंगी.

उन्होंने कहा, ‘मेरे माता-पिता ने इस फैसले में मेरा पूरा साथ दिया और प्रशिक्षण के समय भी वह मेरा हौसला बढ़ाते रहे.'

हिसार की हरियाणा रोडवेज की पूर्व चालक नीतू देवी (25) ने कहा कि महिला चालक को देखकर महिला यात्री सुरक्षित महसूस करेंगी. हरियाणा की तुलना में दिल्ली में बस चलाने में क्या अलग होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हरियाणा में केवल मुख्य मार्गों पर भीड़ होती है. दिल्ली में हर जगह ही बहुत जाम होता है.'

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दिल्ली की निवासी सीमा को एक निजी कंपनी में चालक की नौकरी छोड़कर बस चालक बनने का फैसला करने पर शुरुआत में अपने पति के विरोध का सामना करना पड़ा था.

उन्होंने कहा, ‘मैं एक निजी कंपनी में चालक की नौकरी कर रही थी. मेरा काम यात्रियों को हवाई अड्डे से उनके गंतव्यों तक पहुंचाना था. जब मैंने बस चालक प्रशिक्षण हासिल करने के लिए आवेदन दिया तो मेरे पति इस फैसले से अधिक खुश नहीं थे लेकिन मेरे बच्चों ने उन्हें समझाया. मैं जब भी निराश होती हूं, मेरे बच्चे मेरा हौसला बढ़ाते हैं.'

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कोमल (23) ने बताया कि नव-नियुक्त महिला चालकों ने दो-तीन दिन पहले गाड़ी चलाना शुरू किया और लोग उन्हें देखकर थोड़ा हैरान हो जाते हैं.

उन्होंने कहा, ‘कई बार यात्री कहते हैं ‘भईया गाड़ी रोकना'. फिर परिचालक उन्हें कहता है ‘यह भईया नहीं दीदी हैं'. इस पर उनका जवाब होता है कि उन्हें एहसास नहीं हुआ कि एक महिला बस चला रही है.'

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इसके अलावा डीटीसी के महिला चालकों के पहले बैच में दो बच्चों की मां शर्मिला (35), और हरियाणा रोडवेज की पूर्व चालक बबीता दास भी शामिल हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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